super specialty hospital : महाकोशल में एम्स अस्पताल नहीं है। कारपोरेट सेक्टर का भी बड़ा अस्पताल नहीं है। ऐसे में 20 जिलों के मरीज सुपरस्पेशलिटी चिकित्सा सुविधा के लिए मेडिकल के सुपरस्पेशलिटी अस्पताल पर निर्भर हैं। इस अस्पताल के कॉर्डियोलॉजी, कॉर्डियक सर्जरी, यूरोलॉजी सर्जरी, न्यूरोलॉजी सर्जरी जैसे विभागों में मरीजों का अत्यधिक दबाव है। नए मरीजों को भर्ती करने ’यादातर समय इन वार्डों में बेड नहीं मिलते। ऐसे में सुपरस्पेश्यिलिटी अस्पताल का विस्तार अत्यावश्यक है, लेकिन नए भवन के निर्माण के लिए जगह ही नहीं मिल पा रही है।
super specialty hospital : नया नर्सिंग कॉलेज भवन भी अटका
मेडिकल कॉलेज व एमयू की ओर से एक प्रस्ताव आया था कि नर्सिंग कॉलेज एमयू को सौंप दिया जाए तो यूनिवर्सिटी परिसर में कॉलेज का नया भवन बन जाएगा। लेकिन नर्सिंग कॉलेज पेट्रन यूनिवर्सिटी रानी दुर्गावती से संबद्ध किए जाने की कवायद चल रही है, ऐसे में एमयू नया नर्सिंग कॉलेज भवन बनाने से पीछे हट गया है। इससे सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के विस्तार के लिए नर्सिंग कॉलेज की जमीन मिल पाना मुश्किल लग रहा है।
super specialty hospital : हार्ट के मरीजों को बेड मिलना मुश्किल
सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में कॉर्डियक वेस्कुलर सर्जरी और कॉडियोलॉजी दोनों ही विभाग में मरीजों का अत्यधिक दबाव है। हार्ट में ब्लॉकेज, हार्ट अटैक से लेकर अन्य मरीजों के इलाज में एंजियोप्लास्टी और बायपास सर्जरी के बाद कई मरीजों को लम्बे समय तक भर्ती भी रखना पड़ता है। ऐसे में अन्य मरीजों को अपनी बारी आने के लिए लम्बा इंतजार करना पड़ रहा है।
super specialty hospital : ये ब्रांच शुरू हों, तो मिले राहत
विशेषज्ञों का मानना है कि सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी, एंडोक्रिनोलॉजी, डर्मेटोलॉजी, पीडियाट्रिक्स जैसी ब्रांच शुरू करने की जरूरत है।
super specialty hospital : सिर्फ दो कॉर्डियक एनेस्थिस्ट
कॉर्डियक वेस्कुलर सर्जरी और कॉडियोलॉजी दोनों ही विभाग में स्पेशलिस्ट कॉर्डियक एनेस्थिस्ट की आवश्यकता होती है। वर्तमान में सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में 2 ही कॉर्डियक एनेस्थिस्ट हैं।
super specialty hospital : 20 जिलों से आ रहे मरीज
हृदय से सम्बंधित समस्याओं के इलाज के लिए सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में क्षेत्र के 20 जिलों के मरीज पहुंच रहे हैं। हृदय रोग में सुपरस्पेशलिटी स्तर पर इलाज क्षेत्र के अन्य सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध नहीं होना है।
super specialty hospital : सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में मरीजों का लोड है। इसे देखते हुए प्रदेश सरकार के समक्ष कॉर्डियक वेस्कुलर सर्जरी और कॉडियोलॉजी विभाग को विस्तार देने की मांग रखी है। ताकि, बेड, उपकरण और विशेषज्ञों की संख्या बढ़ाई जा सके।
डॉ. अवधेश कुशवाहा, डायरेक्टर सुपरस्पेशलिटी अस्पताल
super specialty hospital : सुपरस्पेशलिटी स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर महाकोशल, विंध्य, बुंदेलखंड अंचल की बड़ी आबादी की निर्भरता जबलपुर पर है, ऐसे में मेडिकल के सुपरस्पेशलिटी अस्पताल में उपलब्ध ब्रांच में स्टाफ, बेड व मशीनरी बढ़ाई जाना चाहिए। इसके साथ ही अस्पताल को विस्तार देकर नई ब्रांच भी शुरू की जाना चाहिए, जिससे की ’यादा से ’यादा मरीजों को इसका लाभ मिल सके।
डॉ. वायआर यादव, पूर्व डायरेक्टर सुपरस्पेशलिटी अस्पताल
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