याचिकाकर्ता अजय दुबे के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि जुलाई 2015-16 में पेंच और बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के बफर जोन में सेंट्रल जू अथॉरिटी और एनटीसीए की अनुमति के बिना टाइगर सफारी शुरू करने की तैयारी थी। इसके लिए यहां 7 करोड रुपए की लागत से अवैध निर्माण किया गया। याचिकाकर्ता ने बताया कि दोनों टाइगर रिजर्व में बाघों के मूवमेंट के कॉरिडोर के बीच बड़े-बड़े कवर्ड बाड़े बनाए जा रहे थे। इन बाड़ों में पर्यटकों को एंट्री दी जाती। पर्यटक यहां से बाघों को देखते। याचिकाकर्ता के तर्क सुनने के बाद हाईकोर्ट ने बफर जोन में टाइगर सफारी के निर्माण की जांच के निर्देश दिए।