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लम्बे समय तक रख सकता है हिरासत में
आयकर विभाग बकाया डिमांड पूरी नहीं करने वालों पर कड़ी कार्रवाई कर सकता है। एेसे बकाएदारों को १५ दिनों तक हिरासत में रखकर पूछताछ के अलावा कर वसूली कर सकता है। कर सलाहकार एमएम नेमा ने बताया कि आयकर एक्ट १९६१ के तहत राजस्व वसूली के लिए रिकवरी ऑफिसर के पास कई प्रकार की शक्तियां होती हैं। कर नहीं चुकाने वाले पर न्यायालय में क्रिमिनल केस चलाया जा सकता है। इसमें छह माह से लेकर सात साल की सजा तक का प्रावधान होता है। जानकारों ने बताया कि कर के लिए बैक अकाउंट सीज करना, चल एवं अचल संपत्ति को कुर्क करने के साथ उसका विक्रय कर सकता है। यदि कोई कारोबार उसके द्वारा किया जाता है तो उससे प्राप्त आय को कर वसूली तक अपने पास जमा कर सकता है। इसके लिए नकदी एकत्रित करने के लिए विभाग स्टाफ भी तैनात कर सकता है।
आयकरदाता जानेंगे अधिकार
आ यकर विभाग की वाली सर्वे और छापों की कार्यवाही के समय आयकर दाताओं के अधिकार पर कार्यशाला मंगलवार शाम पांच बजे महाकोशल चेम्बर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री के सिविक सेंटर स्थित सभागार में आयोजित की जाएगी।
चेम्बर के सहप्रवक्ता अखिल मिश्र ने बताया कि गत माह मप्र एवं छत्तीसगढ़ के मुख्य आयकर आयुक्त पीके दाश के जबलपुर प्रवास पर बैठक में आयकर संग्रहण का अत्यंत ही कम होना बताया गया था एवं वित्तीय वर्ष 2017-18 के बचे दो महीनों में विभाग द्वारा सख्ती दिखाते हुए सर्वे और रेड की कार्यवाही कर वित्तीय वर्ष 2017-18 का निर्धारित कर प्राप्ति लक्ष्य पूरा करने का निश्चय दोहराया था।
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इस बात को ध्यान में रखकर करदाताओं को यह जानना जरूरी हो जाता है कि कार्रवाई के समय उनके क्या अधिकार हैं। कार्यशाला में विषय विशेषज्ञ, चार्टेड एकाउंटेंट्स एवं एडवोकेट्स कार्रवाई के समय रखी जाने वाली सावधानियों को विस्तार से बताएंगे। चेम्बर अध्यक्ष रवि गुप्ता, राजेश चंडोक, शांतिलाल पटेल, हेमराज अग्रवाल, युवराज जैन गढ़ावाल, अनूप अग्रवाल, शंकर नाग्देव एवं अनिल जैन पाली ने कहा कि आयकर दाता इस कार्यशाला का लाभ उठा सकते हैं।