तापमान मचाएगा तबाही
वैज्ञानिकों के अनुसार अलनीनो का व्यापाक असर होता है। इससे तापमान सामान्य से एक या दो डिग्री सेल्सियस अधिक रहेगा। इन दोनों कारणों से अक्टूबर कुछ ज्यादा गर्म रहेगा। बुरी बात तो यह है कि यह तापमान तबाही मचाने वाला सिद्ध हो सकता है। अक्टूबर के अंतिम दिनों और नवंबर के प्रारंभिक दिनों में खेतों में बुवाई शुरु हो जाती है। विशेषकर गेहूं चना जिसके लिए अनुकूल तापमान की जरूरत होती है. ज्यादा गर्मी में ये फसलें पल्लवित नहीं हो सकेंगी जोकि किसानों की तबाही का कारण बन सकती हैं।
यह है अलनीनो- कुछ क्षेत्रों में बाढ़ और कहीं-कहीं सूखे के हालात बनते हैं
समुद्र की सतह के तापमान में लगभग डेढ़ डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने पर अलनीनो की स्थिति बनती है। प्रशांत महासागर से उठने वाली समुद्री हवाएं ऑस्ट्रेलिया की ओर जाती है तो वहां मानसून की धारा बनती है। इसके विपरीत अमेरिका की ओर कुछ गर्म हवाएं चलने पर मानसून कमजोर पड़ जाता है। इससे कुछ क्षेत्रों में बाढ़ और कहीं-कहीं सूखे के हालात बनते हैं। पृथ्वी के सभी जलवायु चक्र इससे प्रभावित होते हैं।
– सितम्बर में कम बारिश से अपेक्षाकृत अधिक गर्मी महसूस हुई। चटख धूप और नमी कम होने से गर्मी और उमस का मौसम बन रहा है।
डॉ. मनीष भान, मौसम वैज्ञानिक, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय
– सितम्बर में अलनीनो के असर से कम बारिश हुई। इससे दिसम्बर तक तापमान एक-दो डिग्री सेल्सियस अधिक रहेगा। इसका असर विंटर सीजन पर भी पड़ेगा।
वेद प्रकाश सिंह, मौसम विभाग, भोपाल