जबलपुर. तेज गर्मी का असर लोगों के साथ मूक पशु और पक्षियों पर हो रहा है। हीट स्ट्रोक के कारण उनके शरीर का तापमान 107 डिग्री तक जा रहा हैै। ऐसे में वे बेहोश होकर गिर रहे हैं। पक्षियों की हालत और बुरी है। गर्मी के कारण वे घोंसलों से नीचे गिर रहे हैं। ऐसे में उनकी मौत हो रही है। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों से रोजाना वेटरनरी कॉलेज अस्पताल में इस प्रकार के 50 प्रकरण आ रहे हैं। सबसे ज्यादा प्रकरण ज्यादा तापमान से ग्रसित होने से सबंधित हैं।
यह आ रही समस्या चलते-चलते गिर जाना सड़क पर जानवरों का बेहोश हो जाना शरीर लंच पर जाना उल्टी दस्त की शिकायत यह रखें ध्यान खुली धूप में या आंगन में पशुओं को न रखें । पानी के लिए मिट्टी के बर्तन का करें उपयोग । कूलर या एसी में रहने वाले जानवरो को बाहर न आने दे। गर्म हवा वाले स्थल पर टाट पट्टी लगाकर बंधेज करें।
थर्मोमीटर दे रहे जवाब वेटरनरी अस्पताल में जांच के लिए पशुपालकों की ओर से लाए जा रहे पशुओं का तापमान बुखार की सीमा से ज्यादा निकल रहा है। यह 105 से लेकर 109 डिग्री दर्ज किया जा रहा है। ऐसे में थर्मोमीटर भी जवाब दे जा रहे हैं। इसे देखकर चिकित्सक भी हैरान हैं। पशु मालिकों को भी गर्मी को देखते हुए सुरक्षित रखने के लिए कहा जा रहा है।
हीट स्ट्रोक से मवेशी की मौत कटनी से एक पशु मालिक राजेश कुशवाहा इलाज के लिए अपनी गाय को लेकर वेटरनरी अस्पताल ला रहे थे। उसके पेट में आठ माह का बच्चा भी था। घर से सुबह 11 बजे वे निकले और तपती दोपहर में जबलपुर पहुंचे। लू लगने के कारण गाय और ज्यादा गभीर हो गई वेटरनरी अस्पताल पहुंचते ही दम तोड दिया। जांच में गाय का तापमान 109 डिग्री था।
गढा क्षेत्र में कुछ दिनों पहले एक चील हीट स्ट्रोक का शिकार हो गई। एक राहगीर की नजर चील पर गई, तो प्राथमिक उपचार कराया। चील को ठीक होने में दो घंटे लग गए।
सिविल लाइन क्षेत्र एक पशु प्रेमी का विदेशी नस्ल का डॉग घर के आंगन में गश खाकर गिर गया। उसे वेटरनरी अस्पताल ले गए, तो तापमान 107 डिग्री तक पहुंच गया था। दो दिन बाद स्वास्थ्य में सुधार हुआ।
पेंटीनाका क्षेत्र में रहने वाले मोहित मिंज के यहां पालतू तोता कमरे के बाहर पिंजरे में था। दो दिनों से उसने खाना- पीना छोड़ दिया वही सुस्त हो गया था। इसे लेकर वह अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि हीट स्ट्रोक के चलते तो बीमार पड़ गया था। इलाज के बाद उसे घर के अंदर रखने की सलाह दी गई।
विशेषज्ञ का कहना है वेटरनरी अस्पताल में श्वान का इलाज करते डॉक्टर। मनुष्य अपनी परेशानी चिकित्सक को बता सकता है, लेकिन जानवर नहीं। उनके व्यवहार को देखकर पता चलता है कि तेज गर्मी पड़ने के कारण पशु पक्षी भी हीट स्ट्रोक का शिकार हो रहे हैं। इस तरह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।
डॉ. देवेंद्र गुप्ता, चिकित्सक वेटरिनरी वेटरनरी अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले पशुओं में इस तरह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। तेज गर्मी के चलते पशुओं का तापमान भी बहुत अधिक बढ़ा हुआ निकल रहा है। पशु मालिक पशुओं को दोपहर की अपेक्षा सुबह लेकर पहुंचे ताकि उनको हीट स्ट्रोक से बचाया जा सके।
डॉ. आरके शर्मा डीन वेटरनरी कॉलेज
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