ग्रह.नक्षत्रों की शुभ स्थिति से इस दिन शुक्ल और रवियोग बनेगा। सिंह राशि में चतुग्र्रही योग भी बन रहा है। ज्योतिर्विदों के अनुसार दो सितम्बर सोमवार की शुरुआत हस्त नक्षत्र में होगी और गणेशजी की स्थापना चित्रा नक्षत्र में की जाएगी। शहर में सोमवार को दिन में प्रतिमा स्थापना और रात में महिलाएं तीज का व्रत रखेंगी। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार अमृत चौघडिय़ा में सुबह 6.10 से 7.44 तक और अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12.01 से 12.55 तक मूर्ति स्थापना करना शुभ होगा।
रात में 11.01 से 12.27 बजे के बीच का समय भी मूर्ति स्थापना के लिए शुभ है। विशेष मुहूर्त के रूप में देखें तो ऐसा माना जाता है कि गणेशजी का जन्म भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के मध्यान्ह के समय हुआ था। इस बार अतिशुभ मध्यान्ह काल मुहूर्त दिन में 11.05 से दोपहर 1.38 बजे तक रहेगा। सोमवार को श्रीगणेश प्रतिमा स्थापना के बाद नौ दिन तक विधि विधान से पूजन करने के बाद दसवें दिन 12 सितम्बर को प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा।
निर्जला रहकर व्रत करेंगी महिलाएं
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार पंचाग में दो सितम्बर को हस्तानक्षत्र बताया गया है। शास्त्रों के अनुसार तृतीया और चतुर्थी मिली हुई तिथि में तीज व्रत का पूजन करना श्रेष्ठ है। इसलिए दो सितम्बर को तीज व्रत रखा जाएगा। इस दिनमहिलाएं दिनभर निर्जला व्रत रहेंगी। रात में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करेंगी। विवाहिताएं पति की दीर्घायु की कामना करेंगी। युवतियां मनचाहे वर प्राप्ति के लिए उपवास करती हैं।
ज्योतिर्विद जनार्दन शुक्ला का कहना है कि इस वर्ष शुभ संयोग है। हरतालिका और गणेश चतुर्थी, दोनों सोमवार को हैं। ज्यादातर पंचाग में तीज के व्रत के लिए सोमवार को श्रेष्ठ बताया गया है। इस संयोग के कारण इस बार मध्यान्ह से शाम तक के बीच में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापना होगी। रात में महिलाएं हरितालिका पूजन करेंगी।