जाम से जूझते रहे लोग
बारिश से नगरनिगम की पोल खुलने के साथ ही यातायात व्यवस्था भी ध्वत हो गई। सबसे खराब स्थिति निर्माणाधीन फ्लाइओवर क्षेत्र रानीताल और बीमा चौक की रही। वनवे सड़कों पर तीन फीट तक पानी भर गया, जिसको खाली होने में घंटों समय लगा। बारिश थमने के बाद घर के लिए निकले लोग जाम में फंसकर घंटों संघर्ष करते रहे।
महाकोशल में मानसून पहले ही दस्तक दे चुका था। इससे कई दिन से सिस्टम बन रहा था। बुधवार को शाम पौने पांच बजे से शुरु हुई झमाझम बारिश ने महज दो घंटे में ही शहर को पानी-पानी कर दिया। मौसम विज्ञान केंद्र ने 89 मिलीमीटर यानी की साढ़े तीन इंच बारिश दर्ज की। आलम यह था कि मुख्य मार्गों में दो से ढाई फीट तक पानी जमा हो गया। वहीं शहर के अंदरूनी मार्गों में तो बाढ़ जैसे हालात बन गए। पार्किंग में खड़े वाहन घंटों पानी में डूबे रहे। डिवाइडर डूब गए और सड़कें तेज बहाव वाले नाले में बदल गईं।
कई तिराहों और चौराहों पर हालात भयावह हो गए। जलभराव अधिक होने की वजह से राहगीरों का चलना मुश्किल हो रहा था। देरशाम तक रुक-रुककर बारिश का सिलसिला जारी रहने से कई जगहों पर करीब तीन-चार किलोमीटर तक लम्बा जाम भी लगा। बेतरतीब ढंग से खोदी गई सडक़ों और मलबे के कारण कई लोग छुटपुट हादसों का शिकार भी हुए।