पिछले साल 411 अग्नि दुर्घटनाओं में 4 करोड़ रुपए के लगभग का हुआ था नुकसान
दमकल वाहनों के लिए 50 किलोमीटर का चक्कर, हो रहा लाखों का नुकसान
जिले में तहसील स्तर पर दमकल वाहन और स्टाफ की तैनाती तो कर दी गई है, लेकिन उनके पास दक्ष दमकलकर्मियों की बेहद कमी है। जानकारों के अनुसार इसके कारण अभी भी बड़ी अग्नि दुर्घटनाओं में आग बुझाने के लिए अभी निगम के दमकल वाहनों पर निर्भरता सबसे ज्यादा है। निगम के दमकल विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तों 383 दिनों में अलग-अलग स्थान पर 411 बार आग धधकी है। इन अग्नि दुर्घटनाओं में फसल से लेकर गृहस्थी का सामान और माल का बड़ा नुकसान हुआ है। ये नुकसान 4 करोड़ के लगभग का आंका गया है।
जागरुकता की कमी
जानकारों के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में अग्नि दुर्घटना होने पर दमकल विभाग का रेस्पांस टाइम ज्यादा लगने का एक बड़ा कारण ये भी है की फॉयर कॉल स्थानीय थाना स्तर पर न करके 100 डायल व 101 नं पर किया जाता है। पुलिस कंट्रोल रूम निगम के दमकल विभाग को सूचित करता है। तहसील स्तर पर तैनात दमकल वाहनों की सूचना का प्रचार-प्रसार स्थानीय स्तर पर ठीक ढंग से नहीं किया गया है। निगम के दमकल अमले को आग बुझाने कुंडम, कटंगी, चरगवां, बरगी से लेकर कई बार दमोह तक जाना पड़ता है।
यह है स्थिति
383 दिन में 411 बार धधकी आग
3 करोड़ 88 लाख 96 हजार से ज्यादा का नुकसान
45 अग्नि दुर्घटना 1 अप्रेल से अब तक
19 लाख 20 हजार का नुकसान 18 दिन में
350 फायर कॉल 2021-22 में शहरी सीमा में
2 करोड़ 82 लाख 96 हजार से ज्यादा का नुकसान
16 फायर कॉल 2021-22 में ग्रामीण् क्षेत्र में
86 लाख 80 हजार का नुकसान
इन फोन नम्बर पर आते हैं ज्यादा फायर कॉल
100 डायल
101 नं
अग्नि दुर्घटना की सूचना आने पर निगम का दमकल अमला मौके पर भेजा जाता है, दूरी ज्यादा होने पर कई बार स्टाफ को पहुंचने में ज्यादा समय लगता है इससे बड़ा नुकसान हो जाता है। ग्रामीण क्षेत्र में दमकल वाहनों की संख्या व कुशल स्टाफ बढ़ाया जाए तो काफी हद तक अग्नि दुर्घटनाओं से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।
– कुशाग्र ठाकुर, फायर अधीक्षक