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जबलपुर

माता ने पहने 150 करोड़ के गहने, सोना-चांदी में जड़े हैं हीरे-मोती

विराजमान होने वाली सभी देवी प्रतिमाएं 150 करोड़ रुपए से अधिक के गहनों से शृंगार करती हैं। जो कि साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है। एक अनुमान के अनुसार इस नवरात्र में अब तक समितियों द्वारा करीब पांच करोड़ के गहनों की खरीदी की गई है।

जबलपुरOct 06, 2024 / 12:49 pm

Lalit kostha

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gold jewellery : सिर चांदी का छत्र विराजे, कान में सोने की झूमकी, हाथों में मोती के कंगन भाएं, पैरों में तोड़ल भारी माई करें शृंगार… शहर में विराजीं माता रानी की एक से बढकऱ एक मनोहारी प्रतिमाएं और उनका शृंगार देखते ही बन रहा है। कहीं भारी चांदी का सिंहासन बनाया गया है, तो कहीं उनके अस्त्र-शस्त्र तक महंगी धातुओं के बने हुए हैं। ये सब माता के प्रति भक्तों की आस्था के चलते ही संभव हो रहा है, जो कि धीरे-धीरे बढ़ती ही जा रही है। सराफा व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों की मानें तो जबलपुर में विराजमान होने वाली सभी देवी प्रतिमाएं 150 करोड़ रुपए से अधिक के गहनों से शृंगार करती हैं। जो कि साल दर साल बढ़ता ही जा रहा है। एक अनुमान के अनुसार इस नवरात्र में अब तक समितियों द्वारा करीब पांच करोड़ के गहनों की खरीदी की गई है।
gold jewellery
  • हर समिति के पास माता के लाखों के गहने
  • हर साल बढ़ता जा रहा भक्तों में असली गहने पहनाने का चलन

gold jewellery : डेढ़ दशक में बढ़ा चलन, अब चरम पर पहुंचा

जानकारों के अनुसार पहले जबलपुर में विराजमान होने वाली देवी प्रतिमाओं में नगर सेठानियों, जेठानी के अलावा बहुत कम प्रतिमाओं में सोने, चांदी के गहने पहनाए जाते थे। लेकिन पिछले 15 सालों में सभी समितियां अपने अपने सामथ्र्य अनुसार माता के लिए असली रत्नों, सोना-चांदी, माणिक, पन्ना, मोती आदि के गहने बनवाने लगीं। कोई मन्नत पूरी होने पर माता को भेंट करने लगा, तो कहीं समितियों ने सामूहिक रूप से माता के गहने बनवाने शुरू कर दिए। ये चलन अब समितियों की प्रतिष्ठा से भी जुड़ गया है। जिससे माता के मिट्टी व आर्टिफिशियल गहनों की संख्या कम और असली गहनों की संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। इनके अलावा मंदिरों में प्राण प्रतिष्ठित प्रतिमाओं को भी सोने चांदी के जेवरों से शृंगारित किया जाने लगा है।
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gold jewellery : बनारस से आ रहे छत्र, मुकुट

हर समिति अपनी माता के लिए अच्छे से अच्छा और सुंदर छत्र व मुकुट लाना चाहती है, जिसके चलते लोग बनारस के सराफा बाजार का रुख कर रहे हैं। उनका मानना है कि जबलपुर में सिंगल पीस में ज्यादा वजनी छत्र नहीं मिल पाते हैं, वहीं बनारस में अच्छी क्वालिटी की चांदी के बड़े से बड़े और वजनी छत्र और मुकुट सिंगल पीस में मिल जाते हैं। इनकी एक ओर खूबी है कि वहां नई डिजाइनों के साथ बारीक नक्कासी वाले एक से बढकऱ एक डिजाइन में मिल जाते हैं।
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gold jewellery : महंगा हुआ सोना, गहनों की बिक्री जस की तस

मालाबार ज्वेलर्स के अंशुल सिंह ठाकुर ने बताया सोना चांदी के दाम आज भले ही आसमान छू रहे हैं लेकिन दुर्गा समितियों के द्वारा इस साल भी मातारानी के गहनों की खरीदी बड़ी मात्रा में खरीदी की जा रही है। इनमें झूमके, बेंदी, नथ, रानीहार, मंगलसूत्र, तोड़ल पायल विशेष रूप से शामिल हैं। आजकल अधिकतर ज्वेलर्स नवरात्र में मातारानी को ध्यान में रखकर स्टॉक व व्हैरायटी रखने लगे हैं। पूरे जिले की बात करें तो 150 करोड़ रुपए से अधिक के गहनों से देवियों का शृंगार किया जा रहा है।
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gold jewellery : ब्रांडिंग का जरिया भी बनीं प्रतिमाएं

शहर में एक नया ट्रेंड भी चल पड़ा है। बड़े-बड़े ज्वेलर्स प्र्रसिद्व दुर्गा पंडालों में अपनी ब्रांडिंग भी करने लगे हैं। वे ज्वेलरी स्पॉंसर करने के साथ प्रतिमाएं व पंडालों का खर्चा भी वहन कर रहे हैं। यह ट्रेंड कोलकाता से चलकर आया है, यहां करीब तीन साल पहले शुरू हुआ है। ब्रांडिंग करने के बाद उनकी तस्वीरें शो रूम में लगाकर वे ग्राहकों को आकर्षित कर रहे हैं।

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