Super Specialty Hospital : रयूमेटिक हृदय रोग से पीड़ित 40 वर्षीय महिला का मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के विशेषज्ञों ने बैलून तकनीक से मिट्रल व ट्राइकसपिड वॉल्व की सिकुड़न का बिना सर्जरी के इलाज किया। उपचार से मरीज को धड़कन की अनियमितता, बीपी, फेफड़े, पेट व अन्य जगह पर पानी भरने में भी आराम मिला है।
Super Specialty Hospital : इलाज के बाद महिला को पूर्णत: लाभ मिला
कार्डियोलॉजी विभाग के हृदय रोग विशेषज्ञ और ऐसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शिशिर सोनी ने बताया कि मरीज को अत्यधिक गम्भीर अवस्था में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल लाया गया था। इससे पहले उसे महाकोशल के कई अस्पतालों और नागपुर के हृदय रोग विशेषज्ञों को दिखाया जा चुका था, लेकिन इलाज नहीं हो सका। डॉ. सोनी ने बताया कि मरीज के मिट्रल और ट्राइकसपिड दोनों वॉल्व में स्टेनोसिस (सिकुडऩ) थी। इस बीमारी में मरीज को अत्यधिक सांस फूलने और पैरों में सूजन की समस्या होती है। इसके अलावा अन्य समस्याएं धडकऩों की अनियमितता, कम बीपी और फेफडें, पेट और अन्य जगहों में पानी भर जाने जैसी परेशानियां भी थीं। उन्होंने बैलून तकनीक से एक ही बार में परक्यूटेनियस मिट्रल और ट्राइकसपिड बैलून वाल्यूलोप्लास्टी सफलतापूर्वक की। इलाज के बाद महिला को पूर्णत: लाभ मिला है।
Super Specialty Hospital : प्रदेश में पहली बार इलाज
डॉ. शिशिर सोनी ने बताया कि एक ही मरीज में दोनों वॉल्व की सिकुड़न का परक्यूटेनियस मिट्रल और ट्राइकसपिड बैलून पाल्यूलोप्लास्टी से सफलतम उपचार दुनिया के कुछ ही कार्डियेक सेंटर में हुआ है। मध्यप्रदेश में यह उपचार पहली बार किया गया है।
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