गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) में तैयार की गई छह तोपों को एक बड़े समारोह में सेना को सौंपा गया था। इसके बाद इन तोप को सीओडी भेज दिया गया था। गणतंत्र दिवस परेड में देश की सेना अपने पराक्रम का प्रदर्शन करती है। जिन आधुनिक हथियारों का उपयोग वह करती है, उनका प्रदर्शन भी परेड में किए जाने की परंपरा है। इस बार धनुष तोप को भी इसमें शामिल किया जा रहा है। इससे पहले भी ओएफबी इसे परेड में शामिल कर चुका है।
जीसीएफ में ओवरहालिंग स्वदेशी बोफोर्स कही जाने वाली इस तोप को वैसे सेना को दे दिया गया है, लेकिन 26 जनवरी के दिन यह आकर्षक दिखे इसलिए पुन: जीसीएफ भेजकर इसकी ओवरहालिंग कराई गई है। इस काम में कोई पाट्र्स नहीं बदले गए बल्कि उसका रंगरोगन किया गया। फिर वहां से इन तोपों को दिल्ली भेज दिया गया है। सूत्रों ने बताया कि किस तरह इसका प्रदर्शन किया जाएगा। किस नम्बर पर इसकी झांकी रहेगी। इसका निर्णय लेने के लिए तोप को पहले ही बुला दिया गया है।
यह है खासियत – मॉर्डन आर्टिलरी गन सिस्टम से लैस।
– 38 किमी की दूरी तक निशाना।
– 81 फीसदी स्वदेशी कलपुर्जे।
– डे-नाइट फायरिंग सिस्टम पर काम।
– आधुनिक संचार प्रणाली का उपयोग।
– 6975 मिमी लंबी लगाई गई बैरल।
– परीक्षण में 5400 राउंड फायरिंग।
एक दर्जन तोपें करनी हैं तैयार गन कैरिज फैक्ट्री ने सेना को पहली खेप के रूप में छह तोपें भेजी हैं। गन कैरिज फैक्ट्री (जीसीएफ) को इस साल 12 तोपें बनाकर सेना को देनी हैं। फैक्ट्री के लिए यह वित्तीय वर्ष 2019-20 का टारगेट है। इस पर फैक्ट्री में काम भी तेज हो गया है। मार्च तक इन तोपों को तैयार करना न केवल जीसीएफ के लिए बड़ी चुनौती है बल्कि एक उपलब्धि भी होगी। फैक्ट्री के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि सेना को समय पर यह तोप मिल जाएं इसके प्रयास में कर्मचारी जुटे हुए हैं।