फिर 24 नवम्बर तक नहीं हो सकेंगे विवाह
जबलपुर. देवशयनी एकादशी से पहले आठ जुलाई को नमे भड़रिया या भड़रिया नवमी पर अविवाहितों के लिए विवाह का सुनहरा अवसर है। बीते दो वर्षों में लॉकडाउन व कोरोना के भय के चलते विवाह मुहूर्तों में विवाह नहीं करा पाए अभिभावक अपने विवाह योग्य पुत्र-पुत्रियों के विवाह के लिए नमे भड़रिया के अबूझ मुहूर्त की तैयारी कर रहे हैं।
अबूझ है मुहूर्त
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आठ जुलाई को आने वाला यह अबूझ मुहूर्त अक्षय तृतीया जैसा ही है। जुलाई में जिनके विवाह मुहूर्त नहीं हैं, उनके परिजन पंडितों को फोन करने लगे हैं। सबसे ज्यादा उन वर-वधू के परिजन परेशान हैं, जिनकी कुंडली में विवाह के लिए शुभ मुहूर्त एक साल तक नहीं है। इसीलिए ऐसे परिजन 8 जुलाई को नमे भड़रिया के अबूझ मुहूर्त पर विवाह करना चाहते हैं।
ज्योतिषाचार्य जनार्दन शुक्ला ने बताया कि 10 जुलाई के बाद, अगस्त, सितम्बर और अक्टूबर माह में शुभ मुहूर्त न होने कारण शादियों पर रोक रहेगी। इन चार महीनों के अलावा अन्य सभी महीनों में शादी और मांगलिक कार्यों के शुभ मुहूर्त हैं। इस वर्ष 4 नवंबर को देवउठनी एकादशी है। इस बीच शादियां नहीं होंगी। लेकिन, शुक्र ग्रह के अस्त होने के कारण 4 से 24 नवम्बर तक भी शादियां नहीं हो सकेंगी। 25 नवम्बर को फिर से विवाह मुहूर्त प्रारम्भ हो जाएंगे। शुक्ला के अनुसार जुलाई में अब चार मुहूर्त ही बचे हैं। 6, 7, 8 और 9 तारीख शादी के लिए उत्तम मुहूर्त है। इसके बाद 25 नवम्बर 2022 से विवाह मुहूर्त शुरू होंगे।