पहले भी हो चुके हैं हादसे
गोदामों में आग लगने की घटनाओं से कई बार शहर दहल चुका है। इसके बावजूद जिम्मेदारों ने इन गोदामों को शहर से बाहर शिफ्ट कराने कोई प्रयास नहीं किया। ३० मार्च २०१६ को करमेता में तेल, बिस्किट, वाहनों की बैटरी की गोदामों में लगी आग ने शहरवासियों को दहला दिया था। आग की लपटें १०० फीट के लगभग ऊं ची थीं। शहर में ८-१० किलोमीटर दूर तक धुंआ नजर आ रहा था। बैटरी बम की तरह फट रही थीं। गोदाम संकरी गली में होने के कारण आग पर काबू पाना मुश्किल हो रहा था। दोपहर में लगी आग पर नगर निगम, खमरिया फै क्ट्री, वीकल फै क्ट्री, जीआईएफ का दमकल अमला दूसरे दिन शाम को काबू पा सका था। १३ मई २०१७ को गुरंदी के गोदाम में लगी आ में १२ दुकान जल गई थीं और एक की मौत हो गई थी।
गोल बाजार में टायर गोदाम
गोल बाजार में पुराने टायरों के गोदाम बड़ी संख्या में मौजूद हैं। कई बार यहां भीषण आग लग चुकी है। इसके बावजूद गोदामों को नहीं हटाया गया है।
बड़ा फुहारा से गढ़ाफाटक मार्ग- मार्ग में कपड़े के नए गोदामों की संख्या लगातार बढ़ रही है। रिहायशी भवनों में मनमाने तरीके से लोगों गोदाम बना लिए हैं। इस मार्ग पर यातायात का जबर्दस्त दबाव रहता है।
गोपाल बाग में किराना गोदाम
रिहायशी इलाका गोपालबाग में किराना का बड़ा गोदाम अवैध तरीके से बनाया गया है। गोदाम में लोडिंग-अनलोडिंग के लिए मालवाहक वाहन आने पर क्षेत्रीयजनों को समस्या का सामना करना पड़ता है।
दीक्षितपुरा में तेल गोदाम
पांडे चौक मार्ग पर खाद्य तेल के कई गोदाम बना लिए हैं। इस संकरी सड़क से बड़े वाहनों का होकर गुजरना मुश्किल है। इसके बावजूद गोदामों की संख्या बढ़ रही है।
गुड़हाई में तेल गोदाम
संकरी गली वाले गुड़हाई इलाके में खाद्य तेल के कई गोदाम हैं। इनमें बड़े पैमाने पर खाद्य तेल के पाउच, पैकिं ग के डिब्बों व टीन का स्टॉक है।
चेरीताल में टायर व मसाला गोदाम
पारिजात बिल्डिंग के पीछे अवैध तरीके से टायर व मसाला के गोदाम संचालित हैं। इससे क्षेत्रीयजन परेशान हैं कई बार वे शिकायत भी कर चुके हैं लेकिन सुनवाई नहीं हुई।
घोड़ा नक्कास में परचून का गोदाम
इस इलाके में बड़ी संख्या में परचून के गोदाम हैं। इनकी संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। जबकि यहां दमकल की गाडि़यों का पहुंचना आसान नहीं है।
शहर में रिहायशी इलाकों में संचालित गोदामों का रिव्यू करेंगे। नगर निगम प्रशासन को निर्देशित करेंगे कि गोदामों की शिफ्टिंग के लिए विस्तृत कार्य योजना बनाएं व उस पर अमल कराया जाए।
– महेशचंद्र चौधरी, कलेक्टर