scriptstudy groups से हो रहा डेटा चोरी, ऑनलाइन सेंटर्स में भी संकट | Data theft from study groups, crisis in online centers too | Patrika News
जबलपुर

study groups से हो रहा डेटा चोरी, ऑनलाइन सेंटर्स में भी संकट

पढ़ाई के नाम पर कॉलेजों में विभिन्न तरह के सोशल मीडिया ग्रुप्स बनाए गए हैं। छात्रों और शिक्षकों ने भी सुविधा के लिए ग्रुप्स बना रखे हैं। इनकी सुरक्षा को लेकर कोई प्रबंध नहीं हैं।

जबलपुरSep 07, 2024 / 03:27 pm

Lalit kostha

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study groups कॉलेजों के विद्यार्थियों का डेटा और निजी जानकारियां खतरे में हैं। कॉलेज और बाहर भी निजी जानकारियां खतरे में हैं। पढ़ाई के नाम पर कॉलेजों में विभिन्न तरह के सोशल मीडिया ग्रुप्स बनाए गए हैं। छात्रों और शिक्षकों ने भी सुविधा के लिए ग्रुप्स बना रखे हैं। इनकी सुरक्षा को लेकर कोई प्रबंध नहीं हैं।

study groups कॉलेजों में भी कम्प्यूटर वर्क निजी हाथों में, नहीं होता वेरीफिकेशन

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study groups छात्र शिक्षक सभी जुड़े

कॉलेजों में पढ़ाई के नाम पर बनाए गए ग्रुप्स, चाहे वे ऑनलाइन हों या ऑफलाइन गंभीर खतरा बने हुए हैं। कई कॉलेजो में इन ग्रुपों में छात्र शिक्षक सभी को जोड़ा गया है। गौरतलब है कि पिछले दिन शहर के एक महाविद्यालय में बड़ी संख्या में छात्राओं के मोबाइल पर पहुंचे मैसेज ने उनकी सुरक्षा व्यवस्था को संदेह में ला दिया है। ऐसे में निजी जानकारियों के सार्वजनिक होने के खतरे पर सवाल खड़े हुए हैं।
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study groups असुरक्षित सेंटर

कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया से लेकर फीस, छात्रवृत्ति जैसे आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन संचालित की जा रही हैं। इनके लिए अधिकतर बाहरी कर्मचारी जुड़े हैं। एमपी ऑनलाइन हो या कम्प्यूटर सेंटर जहां बड़ी संख्या में छात्र आवेदन करते हैं। इन आवेदनों के साथ ही मोबाइल नंबर, आधार व अन्य जानकारी भी दर्ज कराई जाती है। यहां छात्रों के डेटा की सुरक्षा की गारंटी नहीं हैं। उच्च शिक्षा विभाग ने ऐसे कियोस्क सेंटरों के संचालन से जुड़े लोगों का सत्यापन कराने की दिशा में कभी भी प्रयास नहीं किया। सेंटर छात्राओं के नम्बर और अन्य जानकारी आसानी से सेव कर लेते हैं।

study groups 3 नम्बर सेे आए थे अश्लील मैसेज, 50 ने दिए थे रुपए

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study groups मदन महल पुलिस ने दर्ज की एफआइआर

सरकारी कॉलेज की छात्राओं को अश्लील मैसेज कर ब्लेकमेल करने के मामले में पुलिस ने आइटी एक्ट व धोखाधड़ी की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। यह सामने आया है कि ब्लैकमेलिंग के मैसेज से डरकर आधा सैकड़ा छात्राओं द्वारा रुपए भेजे गए थे। बदमाश चार दिन से मैसेज भेज रहे थे। पुलिस ने बताया कि मोबाइल नम्बर 9986541204, 9256524861 और 5305530958 सेे मैसेज भेजे गए थे। इसकी डिटेल और आइपी एड्रेस पता किया जा रहा है। जिन खातों में रुपए गए हैं, उनकी जानकारी भी बैंकों से निकाली जा रही है।
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study groups साइबर सेल की ली जा रही मदद

ऐसी जानकारी है कि लगभग 60 से 70 छात्राओं के पास यह मैसेज पहुंचे। मदनमहल थाना प्रभारी ने बताया कि अब तक केवल दो से तीन छात्राएं ही सामने आई है। एफआइआर दर्ज की गई है। साइबर सेल की मदद से आरोपियों का पता लगाया जा रहा है।
पैसों के लालच में तकनीक का दुरुपयोग हो रहा है। शिक्षक-छात्र के बीच दूरी बढ़ रही है।

  • प्रो. ध्रुव दीक्षित, समाजशास्त्री

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