इसके बाद शिकायतकर्ता के बैंक खाते से धन निकासी होने की जानकारी मिली, जिसके बाद उन्होंने क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई।
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जांच में सामने आया बड़ा फ्रॉड
जांच में खुलासा हुआ कि वैभव और उसका साथी भोपाल, सीहोर और आष्टा जैसे इलाकों में भोले-भाले लोगों के बैंक खाते किराए पर लेते थे। ऑनलाइन ठगी से प्राप्त धनराशि इन खातों में ट्रांसफर(Cyber Fraud Pak Connection) की जाती थी। बाद में वैभव और उसका साथी इस धनराशि को निकालकर बाबूलाल को भेजते थे। बाबूलाल उस धनराशि को क्रिप्टोकरंसी में बदलकर पाकिस्तान(Cyber Fraud Pak Connection) के गनी बाबा को भेजता था, जिसमें सभी को कमीशन मिलता था। ये भी पढें – महाकुंभ में लोगों की करेगी सुरक्षा, एमपी की फायर फाइटिंग बोट, प्रयागराज होगी रवाना मोबाइल ने खोला राज
तमिलनाडु से गिरतार बाबूलाल और उसकी पत्नी के मोबाइल फोन से पाकिस्तान(
Cyber Fraud Pak Connection) के गनी बाबा और श्रीलंका के लोगों से बातचीत के प्रमाण मिले। इसके अलावा, कई बैंक खातों की जानकारी भी वाट्सएप के जरिए गनी बाबा को भेजी गई थी। करोड़ों रुपये की इस साइबर ठगी में बाबूलाल की भूमिका को गंभीर मानते हुए कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी।