बगलामुखी सिद्ध पीठ शंकराचार्य मठ सिविक सेंटर में पौष माह में चल रहे एक माह के सूर्य अर्चन में गुरुवार को भगवान शिव का वैदिक ब्राह्मणों ने दुग्ध अभिषेक एवं पूजन किया। भगवान सूर्यनारायण का 3100 गुलाब के पुष्पों से अर्चन किया गया एवं महापूजा की गई।
जबलपुर•Dec 23, 2022 / 12:10 pm•
Rahul Mishra
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सनातन धर्म में पंचायतन पूजा मानी गई है श्रेष्ठ – ब्रह्मचारी चैतन्यानंद ने कहा
जबलपुर।
बगलामुखी सिद्ध पीठ शंकराचार्य मठ सिविक सेंटर में पौष माह में चल रहे एक माह के सूर्य अर्चन में गुरुवार को भगवान शिव का वैदिक ब्राह्मणों ने दुग्ध अभिषेक एवं पूजन किया। भगवान सूर्यनारायण का 3100 गुलाब के पुष्पों से अर्चन किया गया एवं महापूजा की गई।
ब्रह्मचारी चैतन्यानंद ने सूर्य अर्चन में उपस्थित सभी भक्तों को बताया कि सूर्य का शब्दार्थ है सर्व प्रेरक। यह सर्व प्रकाशक सर्व प्रवर्तक होने से सर्व कल्याणकारी है। ऋग्वेद के देवताओं में सूर्य देव का महत्वपूर्ण स्थान है। यजुर्वेद में चक्षो सूर्यो जायत कहकर सूर्य को भगवान का मित्र माना है । छांदोग्य उपनिषद में सूर्य को प्रणव निरूपित कर उनकी ध्यान साधना से पुत्र प्राप्ति का लाभ बताया गया है। ब्रह्मवैवर्त पुराण तो सूर्य को परमात्मा स्वरुप मानता है । प्रसिद्ध गायत्री मंत्र सूर्य परक ही है । सूर्योपनिषद में सूर्य को ही संपूर्ण जगत की उत्पत्ति का एकमात्र कारण निरूपित किया गया है। उन्होंने बताया कि सनातन धर्म में पंचायतन पूजा श्रेष्ठ मानी गई है। यह पांच देव हैं गणेश , शिव, विष्णु, दुर्गा व सूर्य। बगलामुखी सिद्ध पीठ शंकराचार्य मठ में विश्व कल्याण के लिए यह सूर्य अर्चन एवं महापूजा प्रतिदिन विशेष रुप से की जा रही है। ताकि शीघ्रातिशीघ्र कोरोना महामारी का विनाश हो सके। सूर्य अर्चन में डॉ.गुड्डा रूसिया, मधु यादव, रिचा मिश्रा, पदमा मेनन ,नीता पटेल, सरोज द्विवेदी, गीता चौदह , गीता गुप्ता, प्रीति अग्रवाल ,श्याम चौदह , मनोज सेन उपस्थित थे।
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