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बैठक के दौरान प्रदेश प्रभारी ने रविवार दोपहर एक घोषणा कर दी। जिसके बाद कांग्रेसी खासकर वरिष्ठ कांग्रेसी और टिकट के वरिष्ठ दावेदार सकते में आ गए हैं। बावरिया ने साफ तौर पर कह दिया है कि 60 साल से ज्यादा उम्र के नेताओं को टिकट नहीं दिया जाएगा। वही पिछले चुनावों में पार्षद विधायक का चुनाव हार चुके नेताओं को भी टिकट नहीं देने का निर्णय किया गया है।
बैठक के दौरान पार्षद नरेंद्र सिंह पांडे और साबिर उस्मानी को प्रदेश प्रभारी से अभद्रता करने के आरोप में पार्टी से निलंबित कर दिया गया है। हालांकि पांडे ने तत्काल माफीनामा लिखकर दे दिया। जिसके बाद नगर अध्यक्ष ने इस मामले में विचार करने की बात कही है। लेकिन साबिर उस्मानी ने ना माफी मांगी है ना ही माफीनामा देने पर कोई बात की है। बैठक में प्रदेश प्रभारी के तीखे तेवरों को देखते हुए सभी कांग्रेसी अनुशासन के दायरे में शामिल हुए हैं।
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कांग्रेस सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बैठक में प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने साफ संकेत दे दिए हैं कि पार्टी में अपने हारे हुए पार्षद और विधायकों को टिकट नहीं देगी। वह विधायक जो एक बार भी हारे हैं और उनकी हार का अंतर अधिक है वह भी दावेदारी नहीं कर सकेंगे। इसके अलावा पार्टी में मौजूद 60 साल से अधिक के टिकट दावेदार नेताओं को भी टिकट नहीं दी जाएगी। प्रदेश प्रभारी ने कहा उम्रदराज नेता अब युवाओं को आगे लाएं और उनके मार्गदर्शक बनकर पार्टी को मजबूत करने में सहयोग दें। प्रदेश प्रभारी ने यह भी साफ कर दिया कि प्रत्याशी चुनाव लड़ना चाहते हैं या दावेदारी करते हैं उन्हें अपने आर्थिक संसाधन खुद ही जुटाने होंगे।
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पार्टी चल रही गरीबी का दंश-
प्रदेश प्रभारी दीपक बावरिया ने इशारों-इशारों में कहा कि कांग्रेस पार्टी फंड की दिक्कत से झेल रही है। इसलिए टिकट की दावेदारी करने के साथ पार्टी ने आवेदन करने वाले नेताओं से बतौर फीस कूपन की राशि भी जमा करने कहां है। यह राशि 5000 से ₹50000 तक हो सकती है। हालांकि अब यह राशि तय नहीं की गई है या आधिकारिक रूप से इसकी घोषणा नहीं की गई है। बावरिया ने यह भी साफ किया कि यह राशि टिकट मिलने की गारंटी नहीं होगी। पार्टी अपने स्तर पर सर्वे करवा रही है और इन 4 स्तर की सर्वे रिपोर्ट में दावेदार का नाम होना जरूरी है।
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इन पर लगाएगी दांव –
प्रदेश प्रभारी के अनुसार कांग्रेस इस बार नए और युवा चेहरों को पर धान लगाने पर विचार कर रही है। हारे हुए प्रत्याशियों कुछ ऐसे लोग भी हैं। जिनका अपने क्षेत्र में जनाधार है और वह लोकप्रिय भी हैं लेकिन विगत चुनाव में भाजपा की लहर में चुनाव हार गए थे। ऐसे नेताओं को कांग्रेस पार्टी किस श्रेणी में लाएगी यह आगामी बैठकों में और रणनीति में तय किया जा सकेगा। फिलहाल टिकट देने की बात को लेकर प्रदेश कांग्रेस में हड़कंप मच गया है।