गुणवत्ता संदिग्ध बर्फ फैक्ट्रियों में बर्फ जमाने के लिए उपयोग किए जा रहे जल की गुणवत्ता भी संदिग्ध रहती है। दरअसल कुछ फैक्ट्रियों में बोरिंग के पानी से बर्फ बनाई जा रही है। यह पेयजल के मानक को पूरा नहीं करता है। एक-दो फैक्ट्रियों में ही नगर निगम से आपूर्ति हो रहे जल का उपयोग बर्फ बनाने में हो रहा है।
यहां पर हैं फैक्ट्रियां मदन महल, रिछाई, बायपास आदि इलाकों में बर्फ बनाने की फैक्ट्रियां है। इसमें ज्यादातर फैक्ट्रियां अखाद्य बर्फ का निर्माण करती हैं। इसकी कीमत कम होती है। इसलिए मुनाफा बढ़ाने के लिए ठेले, होटल वाले ये बर्फ खरीद लेते हैं।
7 रुपए किलो शीतलपेय पदार्थों में तरावट बढ़ाने के लिए मिलाई जा रही बर्फ 5-7 रुपए किलो बाजार में उपलब्ध है। विजय नगर में गन्ने का रस बेचने वाले प्रकाश सौंधिया ने बताया कि वह रोजाना 10 किलो बर्फ की सिल्ली लेकर आता है। यह दिनभर में उपयोग में लिया जाता है। उसने किफायती दामों में मिल जाता है।
दूषित बर्फ के सेवन से बिमारियों का डर दूषित बर्फ के सेवन से लोगों की सेहत खराब होने का डर बना हुआ है। जिमेदार विभाग द्वारा न तो बाजार में बिकने वाले और न ही फैक्ट्री में बनने वाले बर्फ की जांच की जा रही। जबकि बर्फ फैक्ट्री से ठेलों, होटलों तक में बर्फ की आपूर्ति की जा रही है। बर्फ के गोले, कुल्फी में अखाद्य बर्फ का उपयोग हो रहा है।