सुबह से देर रात तक हो सकेगी घट स्थापना, घरों के दिवाले और सार्वजनिक मंदिरों में बोए जाएंगे जवारे
ज्योतिषाचार्य पं. जनार्दन शुक्ला ने बताया मंगलवार को प्रतिपदा तिथि सूर्योदय से रात 9.35 बजे तक रहेगी। रेवती नक्षत्र सुबह 7.58 तक रहेगा, इसके बाद अश्विनी नक्षत्र का प्रवेश हो जाएगा, जो पूरे दिन रहेगा। शुभ एवं सर्वार्थ सिद्धि योग की युति से शुरु होगा माता का नवरात्रि पूजन। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 11.08 बजे से रात्रि अंत तक रहेगा। इसी तरह शुभ योग पूरे दिन मान्य होगा। मन्नतों की अखंड जोत, जवारे व कुल देवी देवताओं के दरबारों में घटस्थापना आदि इसी दिन किए जाएंगे।
घट स्थापना मुहूर्त (स्थिर लग्न के आधार पर)
वृषभ लग्न में सुबह 7.40 से 9.38 बजे तक
सिंह लग्न में दोपहर 2.10 से 4.20 बजे तक
वृश्चिक लग्न रात 8.45 से रात 11 बजे तक
चौघडिय़ा मुहूर्त (शुभ बेला के आधार पर)
चर चौघडिय़ा में सुबह 9 से 10.30 बजे तक
लाभ का चौघडिय़ा सुबह 10.30 से 12 बजे तक
अमृत का चौघडिय़ा दोपहर 12 से 1.30 बजे तक
शुभ का चौघडिय़ा दोपहर 3 से 4.30 बजे तक
लाभ का चौघडिय़ा रात 9 से 10.30 बजे तक
पंचमी पर बन रहा विशेष योग
शनिवार,पंचमी तिथि, मृगशिरा नक्षत्र इन तीनों का योग कल्याणकारी माना जाता है। इस दिन की गई देवी आराधना साधक के लिए श्ुाभ फलदायी होता है। माता को मखाने की खीर, मखाने की माला पहनाना तथा मखाना, पान, बताशा, सुपारी भेंट करने से दरिद्रता दूर होती है।
महाअष्टमी होगी व्यवसाय के लिए फलदायी
मंगलवार 16 अप्रेल को महाअष्टमी तिथि पुष्य नक्षत्र में आएगी। नवरात्रि में मंगलवार और पुष्य नक्षत्र का योग व्यापार वृद्धि, कीमती धातुओं की खरीदी के लिए अतिशुभ माना जाता है। महानवमीं पर जवारा विसर्जन एवं श्रीराम जन्मोत्सव सुबह से देर रात तक मनाया जा सकेगा।