एसआईटी की जांच में पता चला है कि बची हुई दो से अधिक डोज को पकड़े जाने के डर से मोखा की पत्नी जसमीत और सिटी अस्पताल की मैनेजर सोनिया खत्री शुक्ल ने नष्ट कर दिया। उल्लेखनीय है कि मोखा ने फर्जी आईडी के जरिए इंदौर से 500 इंजेक्शन मंगाए थे। इस आपराधिक षड्यंत्र में शामिल मोखा के फरार बेटे हरकरण पर पुलिस इनाम घोषित करने की तैयारी में है। उधर, जसमीत और सोनिया की पुलिस रिमांड पूरी होने के बाद गुरुवार को दोनों कोर्ट में पेश की जाएंगी।
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शीशियों को गरम पानी में उबला, रैपर निकालकर बहा दिया
नकली इंजेक्शन की शीशियों को नष्ट करने का कारनामा योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया। मोखा ने पत्नी जसमीत को इंजेक्शनों को नष्ट करने के लिए कहा था। जसमीत ने घर के नौकर रामपुर निवासी संदीप कुशवाहा और पप्पू से पानी गर्म कराया और नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की शशियां उसमें डाल दीं। पानी में उबालने के बाद रैपर निकाले। शीशियों की नकली दबा को बहा दिया। अलग-अलग स्थानों पर इंजेक्शन की शिशियों को नष्ट कर दी। जसमीत और सोनिया की निशानदेही पर एसआइटी को कुछ नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की शिशियां बरामद की हैं।
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देवेश की निशानदेही पर दो इंजेक्शन जब्त
सिटी अस्पताल के फार्मसिस्ट देवेश चौरसिया से पुलिस रिमांड के दौरान कबूला कि मोखा के बेटे और अस्पताल के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में शामिल हरकरण ने उसे कुछ इंजेक्शन दिए थे। हरकरण ने अपने ही प्लॉट में उसे नष्ट करने के लिए कहा था। पुलिस टीम ने देवेश की निशानदेही पर दो नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन भी जब्त किए हैं। रिमांड खत्म होने के बाद बुधवार को उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
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मामले में इंदौर के दवा कारोबारी का नाम आया सामने
एसआइटी की जांच में इंदौर में दवा का कारोबार करने वाले राकेश शर्मा का नाम सामने आया है। जांच में खुलासा हुआ कि राकेश जबलपुर का रहने वाला है। रीवा निवासी सुनील मिश्रा ने सपन जैन से इंजेक्शन का सौदा किया था। जिसके बाद सपन ने राकेश के माध्यम से सुनील को 15 लाख रुपए भिजवाए। इसके बाद ओमती थाने में दर्ज मामले में राकेश को भी आरोपी बनाया गया है। सुनील मिश्रा को मामले में पूर्व में ही आरोपी बनाया जा चुका है। गुजरात पुलिस और इंदौर पुलिस की आंखों में धूल झोंकने में राकेश कामयाब हो गया था, लेकिन उसकी कलई जबलपुर एसआइटी की जांच में खुल गई।
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भोपाल की साइबर एक्सपर्ट की टीम ने अस्पताल में की जांच
बुधवार को भोपाल से साइबर एक्सपर्ट की एक टीम जबलपुर पहुंची। यह टीम एसआइटी के साथ सिटी अस्पताल पहुंची। जहां टीम ने मोखा, हरकरण और सोनिया के चेंबरों में रखे कंप्यूटर व उनकी हार्ड-डिस्क जब्त की। इसके उन कंप्यूटरों को भी जब्त किया, जिसमें अस्पताल में आने वाली सभी दवााओं व अन्य चीजों का लेखा-जोखा रहता है। यह टीम डिलीट हो चुके ईमेल भी जनरेट करेगी।
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लाइसेंसी हथियार होने की भी जानकारी
एसआइटी को जांच के दौरान पता चला कि मोखा के परिवार में लाइसेंसी हथियार है। यह जानकारी लगने के बाद टीम ने कलेक्ट्रेट की शस्त्र शाखा को पत्र लिखा है और मोखा और उसके परिवार में किस-किस के नाम पर शस्त्र हैं, उनकी जानकारी मांगी है। यह जानकारी मिलते ही पुलिस शस्त्र लाइसेंसों को निरस्त कराने की कार्रवाई करेगी। इसके अलावा अस्पताल के कर्मचारियों से पूछताछ कर मोखा और उसके परिवार के विभिन्न बैंक एकाउंट की भी जानकारी जुटाई जा रही है, ताकि उन्हें सीज किया जा सके।
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एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने बताया कि देवेश की निशानदेही पर अहम साक्ष्य जुटाए गए हैं। उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। जसमीत और सोनिया से पूछताछ जारी है। मोखा के बेटे हरकण की तलाश जारी है।
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