कार्रवाई: 67 मोबाइल फोन, पांच लैपटॉप, झारखण्ड, बिहार और छत्तीसगढ़ के हैं सटोरिए
ऑनलाइन सट्टा खिलाने वाले गिरोह का सरगना रायपुर छत्तीसगढ़ निवासी दीपेश धनवानी भी गिरफ्तार हुआ है। उसी ने गौरीघाट के ललपुर रोड और मदनमहल में अपार्टमेंट किराए पर ले रखा था और दूसरे राज्यों के बुकियों को नौकरी पर रखा था। इस नेटवर्क का पता चलने पर पुलिस ने गुरुवार देर रात सुखसागर लाइफस्टाइल अपार्टमेंट में दबिश दी तो पािर्कंग में ऑनलाइन सट्टे की लिंक बंट रही थी। यहां से रायपुर छत्तीसगढ़ निवासी मोहित बोलागढ़े, विजय थारवानी और करण पेसवानी को गिरफ्तार किया। इनके पास से आठ मोबाइल, दो लैपटॉप और 35 एटीएम कार्ड बरामद किए गए।
वहीं, मदनमहल स्थित शिवहरे अपार्टमेंट से दीपेश धनवानी, सहित रायपुर छत्तीसगढ़ निवासी रोहित बलेचा, रोहित कस्तुरिया, दिलीप कुमार मेहता, दरभंगा बिहार निवासी अमरजीत राम, लाल किशोर राम व धनबाद झारखंड निवासी वीरेंद्र कुमार सिंह और राहुल वर्मा को हिरासत में लिया। उनके पास 30 एटीएम, 59 मोबाइल और तीन लैपटॉप मिले हैं।
ऑनलाइन सट्टे का दुबई कनेक्शन
इस मामले में ऑनलाइन सट्टे का दुबई कनेक्शन भी सामने आया है। बताया गया है कि आरोपियों को ऑनलाइन लिंक दुबई से मिलती थी, इसके लिए वे पहले ही भुगतान कर देते थे। लिंक मिलने के बाद अलग-अलग आइडी से इसे ग्राहकों को बांटते थे। पुलिस को महादेव ऐप की लिंक का भी शक है, इसलिए एंगल से भी जांच की जा रही है। इसके लिए साइबर एक्सपर्ट से मदद ली जा रही है।
हर मोबाइल में अलग वॉलेट
सभी मोबाइल फोन पर अलग-अलग मोबाइल वॉलेट संचालित थे। जिसमें लाखों रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ था। आरोपी लोगों को पांच से दस हजार रुपए का लालच देकर उनका बैंक अकाउंट खुलवाते थे। अकाउंट के जरिए मोबाइल में वॉलेट ओपन कर उसी से ट्रांजेक्शन किया जाता था। पुलिस टीम उन लोगों का भी पता लगा रही है, जो लोगों का खाता दीपेश के लिए खुलवाते थे।
बुकियों को नौकरी पर रखा था
एएसपी सोनाक्षी सक्सेना ने शुक्रवार को कार्रवाई की जानकारी देते हुए बताया कि आरोपी सट्टा खेलने वालों को वेबसाइट की ऑनलाइन आइडी पासवर्ड मुहैया कराते थे। वे रायपुर निवासी दीपेश धनवानी के लिए काम करते थे। दीपेश उन्हें 20 हजार रुपए प्रतिमाह देता था। वह मदनमहल शिवहरे अपार्टमेन्ट में रह रहा था। दो अलग-अलग अपार्टमेंट से यह पूरा खेल चल रहा था। एएसपी सिन्हा ने बताया कि टीम को चार अलग-अलग वेवासाइट की जानकारी मिली है। इन्ही के जरिए आरोपी सट्टा खेलने वालों को लिंक प्रोवाइड कराते थे। सट्टा खेलने वालों की जीत और हार के बाद कमीशन काटकर रकम गिरोह के सरगना दीपेश धनवानी को जाती थी।