भंवरताल गार्डन 8 एकड़ एरिया में हैं यहां पर देखने के लिए सिर्फ रंग बिरंगे फूल हैं और पानी के फव्वारे हैं। पेड़ों की हरियाली की छांव जरूर है पर अब यहां मैदान की घास सूख रही है। ऐसे स्थानों पर गिरने से बच्चों को चोटिल होने का जोखिम बन गया है। वहीं स्वीमिंग पुल की ओर जाने वाले रूट के ऊपर बनाए गए प्राकृतिक पूल में लगी लकडिय़ां जर्जर हो चुकी हैं।
छोटे बच्चों के सिर्फ चार झूले- गार्डन में ज्यादातर लोग बच्चों को लेकर जाते हैं। एक किनारे कुल 12 झूले लगाए गए हैं। चार झूले ऐसे हैं जो कम उम्र के बच्चों के लिए सुरक्षित है। बुधवार शाम 5 बजे कई महिलाएं बच्चों को लेकर झूले के पास खड़ी थी कि दूसरे बच्चे उतरें तो उनके बच्चों को भी मौका मिल जाए। स्थान पर तीन सरकने वाले झूले हैं। जबकि, पांच झूले चंद्राकार हैं, जिस पर बच्चे लटकते हैंं,जो कि छोटे बच्चों के लिए उपयोगी नहीं है।
भंवरताल गार्डन में सुबह 6 से 10 बजे तक भ्रमण का शुल्क नहीं लगता है। जबकि, दोपहर 2 बजे से रात 9 बजे तक के दौरान जाने वालों को 5 रूपए शुल्क लिया जाता है। रेकॉर्ड के अनुसार हर दिन यहां ढ़ाई से तीन हजार लोग आते हैं। खास मौके पर लोगों की संख्या 10 से 12 हजार तक पहुंचती है। क्रिसमसऔर न्यू ईयर के दौरान अच्छी आय हुई है। एक अप्रैल 2018 से 9 जनवरी 2019 तक 20, 98, 840 रूपए आय हुई। एक माह में 46 हजार से अधिक लोगों ने शुल्क जमा किया गया है।
भवंरताल पार्क की अवधारणा अलग है। नवीनीकरण के तहत यहां आने वालों को प्राकृतिक माहौल मिले। यह प्रयास किए गए हैं। यहां पर झूले व बच्चों के मनोरंजन से सम्बन्धित साधन बढ़ाने की योजना नहीं है। गार्डन को अप्रेल से 9 जनवरी तक 20 लाख 98 हजार रुपए के लगभग आय हुई है।
आदित्य शुक्ला, उद्यान अधिकारी