ओपीडी ब्लॉक का निर्माण
अस्पताल में फिलहाल एक ही बिल्ंिडग में आइपीडी और ओपीडी है। केंद्र सरकार से मिले अनुदान से अब ओपीडी ब्लॉक(एक्सटशेंन बिल्ंिडग) का निर्माण किया जा रहा है। इसके तैयार होने के बाद आइपीडी और ओपीडी की व्यवस्था में विस्तार हो जाएगा। अस्पताल के मौजूदा भवन में सिर्फ मरीजों को भर्ती किया जाएगा। वहीं, नए तैयार किए जा रहे ब्लॉक में रिसप्ेशन, ओपीडी और पैथोलॉजी लैब, फॉर्मेसी सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध होगी।
बढ़ेगी विस्तर संख्या
कॉलेज का फिलहाल ६० बिस्तरों वाला अस्पताल है। आयुर्वेद काउंसिल के नियमों के अनुसार पीजी पाठ्यक्रम शुरू करने के लिए अस्पताल में सौ बिस्तर होना जरुरी है। ओपीडी ब्लॉक के निर्माण से अस्पताल में जगह बढ़ जाएगी। बिस्तर की क्षमता बढ़कर सौ कर दिया जाएगा। मरीजों को विशेषज्ञ चिकित्सा सेवा मिल सकेगी। पीजी के लिए आवश्यक शैक्षणिक और पैरामेडिकल स्टाफ के पदों की स्वीकृति के लिए भी प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
छात्रों की पुरानी मांग
आयुर्वेद कॉलेज में एमडी की पढ़ाई शुरू करने की विद्यार्थियों की मांग पुरानी है। ग्वालियर, भोपाल के साथ उज्जैन और रीवा के सरकारी कॉलेज में भी पीजी की पढ़ाई सालों पहले शुरू हो चुकी है। इस मामले में शहर काफी पिछड़ चुका है। अभी तक पीजी के लिए आवश्यक अधोसंरचना तैयार नहीं की जा सकी है।
पाठïयक्रम शुरू करने का है प्रस्ताव
अस्पताल में ओपीडी ब्लॉक निर्माणाधीन है। पीजी पाठ्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव है। इसके लिए आवश्यक संसाधन जुटाए जा रहे है। नए सत्र में दो विषय में एमडी की पढ़ाई प्रारंभ कराने के प्रयास है।
डॉ. रविकांत श्रीवास्तव, प्राचार्य, गवर्नमेंट आयुर्वेद कॉलेज
हर कॉलेज में होनी चाहिए सुविधा
सभी सरकारी आयुर्वेद कॉलेज में पीजी की पढ़ाई की सुविधा होनी चाहिए। इसके लिए सरकार को जरूरी संसाधन की स्थापना पर फोकस करना चाहिए, ताकि आयुर्वेद में पीजी की पढ़ाई के अवसर बढ़ सकें।
डॉ. राकेश पांडेय, अध्यक्ष, आयुर्वेद पीजी एसोसिएशन