एक मिनट में 120 बार, मिलकर हम सब साथ करेंगे सीपीसीआर। एक स्वर में यह वाक्य गूंजे पंडित रविशंकर शुक्ल खेल परिसर में। मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय के तत्वावधान में आकस्मिक मृत्यु बचाव दिवस मनाया। मेडिकल, पैरोमेडिकल, नर्सिंग के साथ ही सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूल कॉलेजों के छात्र-छात्राआें ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया। सीपीसीआर तकनीक हर किसी को लाइफ सेवियर बनाने के लिए प्रेरित कर रही थी। इसके तहत लोगों को सीपीसीआर यानी कार्डियो पल्मनरी सेरेब्रल रिससिटेशन…,
जिससे हार्ट अटैक आने के बाद के चार मिनट के अंदर ही व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। दिल का दौरा पडऩे के दौरान तुरंत चिकित्सकीय सहायता मिलना हर किसी को मिल पाए, यह जरूरी नहीं। इसीलिए यह तकनीक हर किसी को आने से किसी की जान बचने के चांसेज 90 प्रतिशत तक बढ़ जाते हैं। इस आयोजन में अन्य मेडिकल इंस्टीट्यूशन ने भी सहयोग किया। कार्यक्रम में सडन डेथ प्रिवेंशन का मॉक प्रजेंट किया गया। पुनर्जीवन की तकनीक लाइव समझाई गई। एक मिनट में 120 बार ह्रदय को हथेलियों के जरिए पम्प करने की ट्रेनिंग दी गई। इसके बाद बताया गया कि चेस्ट में 5 से 6 सेमी तक प्रेशर डालें। इसके बाद विभिन्न स्टेप्स समझाए गए।