जबलपुर. शहर को हरा-भरा बनाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए नगर निगम प्रशासन पौधरोपण के साथ वाटर हार्वेस्टिंग अभियान चलाएगा। इसके तहत 18 स्थानों पर 45 प्रजातियों के 12 लाख पौधे लगाए जाएंगे। पौधों का रोपण वाल्मीकि तकनीक (पद्धति) से होगा। इस तकनीक से लगाए गए पौधे बहुत कम समय में घने जगलों में परिवर्तित हो जाते हैं। पौधरोपण सीएसआर और जन भागीदारी से होगा। महा अभियान के तहत एक दिन में सर्वाधिक 3 लाख पौधे लगाने का गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया जाएगा। यह जानकारी महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी।
पौधरोपण के साथ वाटर हार्वेस्टिंग अभियान भी चलाएगा नगर निगमये है वाल्मीकि पद्धति इस पद्धति में गड्ढे के स्थान पर पांच गुणा 100 की क्चारियां बनाकर उनमें जैविक पोषक पदार्थ, जीवामृत आदि डाला जाता है। फिर रेंडम विधि से 60 सेंटीमीटर की दूरी पर स्थानीय प्रजाति के पौधे लगाए जाते हैं। इस पद्धति में पौधों की वृद्धि तेजी से होती है। पानी का वाष्पीकरण रोकने क्यारी की सतह पर पलवार बिछाई जाती है। एक साल तक प्रतिदिन सिंचाई और खरपतवार का उपचार किया जाता है। यह तकनीक पूरी तरह जैविक पद्धति है, जिसमें गन्ना वेस्ट, धान का भूसा, गोबर खाद, गोमूत्र का उपयोग किया जाता है।
ई-प्रमाण-पत्र मिलेगा महापौर ने बताया कि अपने कार्यकाल में वर्ष 2023-24 में एक लाख बीजारोपण और वित्तीय वर्ष 2022-23 व 2023-24 में एक लाख 41 हजार पौधे लगा चुके हैं। अभियान में सहभागिता करने वालों को ई-प्रमाण पत्र दिया जाएगा। वर्षा जल सहेजने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग महा अभियान भी चलाया जाएगा।
25 हजार पौधे हर माह महापौर ने बताया कि जून से सितंबर तक हर माह 25-25 हजार पौधे लगाए जाएंगे। इनकी सुरक्षा और सिंचाई के लिए फेंसिंग, बोरिंग, सीसीटीवी कैमरों की व्यवस्था की जाएगी। इससे ऑक्सीजोन रिच होगा साथ ही वायु प्रदूषण का स्तर भी कम करने में भी मदद मिलेगी। शहर के एंट्री पॉइंट पर पांच जगह 1 लाख पौधे लगाए जाएंगे। नगर निगम अध्यक्ष रिंकू विज ने बताया कि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी की जयंती पर मोहनिया में 11 हजार पौधे लगाकर अभियान की शुरुआत की जाएगी। कॉन्फ्रेंस में एमआइसी सदस्य व पौधरोपण अभियान प्रभारी विवेक राम सोनकर भी मौजूद थे।
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