प्लांट से भूमिगत जल होता था प्रदुषित
इस मामले की सुनवार्इ जस्टिस रोहिंग्टन फली नरीमन व जस्टिस विनीत सरन की बेंच कर रही थी जिसने वेदांता समूह से साफ कहा कि वह तमिलनाडु होर्इकोर्ट में अपील दायर कर मुख्य न्यायधीश से जल्द सुनवार्इ आैर अंतरिम राहत देने का अाग्रह कर सकते हैं। गौरतलब है कि प्रदुषण फैलाने के विरोध में लोगों के विरोध प्रदर्शन के बाद तमिलनाडु सरकार ने गत 28 मर्इ 2018 को वेदांता का स्टरलाइट प्लांट को पूरी तरह से बंद करने का आदेश दिया था। पर्यावरण मामले व स्थानीय कार्यकार्ताआें का कहना है कि इस प्लांट में काॅपर को गलाया जाता है जिसे इस क्षेत्र का भूजल गंभरी रूप से प्रदूषित हो रहा है। इससे स्थानीय लोगों को कर्इ तरह की बीमारियों का भी सामना करना पड़ रहा है।
वेदांता ने तमिलानाडु सरकार से मांगा था बिजली कनेक्शन
आपको यह भी बता दें कि शुरुआती विरोध प्रदर्शन के दौरान हुए पुलिस फायरिंग में 13 लोगों की जान भी गर्इ थी। गत 24 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में वेदांता द्वारा एक याचिका दायर किया गया था। इस याचिक में तमिलनाडु सरकार से स्टरलाइट प्लांट को बिजली कनेक्शन की मांग की गर्इ थी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मान लिया था। इसके बाद भी तमिलनाडु सरकार ने वेदांता को बिजली कनेक्शन नहीं दिया था जिसके बाद एक बार फिर वेदांता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसी याचिक की सुनवार्इ के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस प्लांट को दोबारा नहीं खाेलने का आदेश दिया है।
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