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रिलायंस ने दाखिल किया शपथ पत्र
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने केंद्र सरकार की याचिका के जवाब में हाईकोट में शपथ पत्र दाखिल किया है। शपथ पत्र के अनुसार मध्यस्थता अदालत ने रिलायंस और उसकी भागीदार कंपनी को सरकार को 3.5 अरब डॉलर का बकाया भुगतान करने को नहीं कहा है। दिल्ली हाईकोर्ट की ओर से रिलायंस और सऊदी अरामको को अपनी संपत्ति के बारे में बताने को कहा है। कोर्ट ने यह आदेश केन्द्र सरकार की याचिका पर दिया है। जिसमें कहा गया था कि दोनों कंपनियों को अपनी संपत्तियों को ना बेचने का निर्देश दिया जाए।
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डील से आखिर क्यों है केंद्र सरकार परेशान
आखिर सरकार को इस डील से इतनी परेशानी क्यों है? इस सवाल का जवाब केंद्र सरकार के इस तर्क में है। वास्तव में कोर्ट के सामने केंद्र सरकार ने कई मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते कहा है कि आरआईएल सऊदी अरामको को अपनी 20 फीसदी हिस्सेदारी अपने 2.88 लाख करोड़ रुपए के कर्ज का भुगतान करने के लिए बेच रही है। साथ ही केंद्र ने यह भी है कि आने वाले दिनों में कंपनी कई और संपत्तियों को बेच सकती है। ऐसे में कंपनी के पास सरकार को आर्बिट्रल अवॉर्ड देने के लिए एक भी रुपया नहीं बचेगा। वहीं केंद्र सरकार ने कहा कि उनके पास आरआईएल के बिजनस प्लान की कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। ऐसे में कंपनी से भुगतान करना मुश्किल होगा।