इस मामले से जुड़े एक जानकार ने बताया कि पिछले सप्ताह ही जियो ने एक विशेष लीव पेटीशन दायर किया था। एपेक्स कोर्ट अब इस मामले की सुनवाई जुलाई माह के अंत में करेगा।
MNP सर्विस प्राेवाइडर्स के लिए परेशानी
जियो द्वारा सुप्रीम कोर्ट में इस फैसले की चुनौती के बाद दो प्रमुख एमएनपी सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए परेशानियां खड़ी हो गईं हैं। इन प्रोवाइडर्स का नाम सिनवर्स टेक और एमएनपी इंटरकनेक्शन है। इन दोनों कंपनियों को रिलायंस जियो से फरवरी 2018 से लेकर अबतक 120 करोड़ रुपये पोर्टिंग फीस एरियर के तौर पर वसूलना था। इस फीस में असफल पोर्टिंग फीस भी जुड़ा हुआ है।
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क्या होता है एमएनपी
माेबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी के तहत कोई भी ग्राहक अपना नंबर बदले बिना ही अपना ऑपरेटर बदल सकता है। नया ऑपरेटर इसके लिए एमएनपी सर्विस प्रोवाइडर इसके लिए एक तय फीस जमा करता है। इसके बदले ऑपरेटर ग्रहकों इस रकम की वसूली करता है।
ट्राई ने 80 फीसदी तक घटाया था एमएनपी फीस
रिलायंस जियो ने 9 मार्च 2019 को दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा सुनाये गए फैसले के खिलाफ अप्रैल में अपील किया था। इस फैसले में हाईकोर्ट ने टेलिकाॅम रेग्युलेटरी अथाॅरिटी ऑफ इंडिया के उस फैसले को खारिज कर दिया था जिसमें प्रति पोर्ट ट्रांजैक्शन चार्ज को 19 रुपये से घटाकर 4 रुपये कर दिया था।
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उस दौरान जियो ने तर्क दिया था कि एमएनपी सर्विस प्रोवाइडर्स पोर्टिंग फीस से संबंधित जरूरी जानकारी को छिपाया है। यदि उसकी दलील नहीं मानी जाती है तो इससे थर्ड पार्टी इंटरेस्ट पर असर पड़ेगा। 3 मई को दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि जियो की शिकायत को इस सुनवाई में नहीं शामिल किया गया। कोर्ट में यह सुनवाई ट्राई के फैसले पर एमएनपी सर्विस प्रोवाइडर्स की चुनौती पर किया गया था।
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