एसी प्रथम श्रेणी से खत्म होंगी रियायतें, बुजुर्गों की आयु सीमा बढ़ेगी
रेल मंत्रालय वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली रियायत की आयु सीमा बढ़ाने तथा वातानुकूलित प्रथम श्रेणी के टिकट पर लगभग सभी रियायतों में कटौती करने का विचार कर रहा है
नई दिल्ली। रेल यात्री किरायों में घाटे को कम करने की कवायद में इस बार के रेल बजट में रियायतों पर कैंची चलने की संभावना है। रेल मंत्रालय वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली रियायत की आयु सीमा बढ़ाने तथा वातानुकूलित प्रथम श्रेणी
के टिकट पर लगभग सभी रियायतों में कटौती करने का विचार कर रहा है। रेलवे के उच्च पदस्थ सूत्रों ने सोमवार को बताया कि वरिष्ठ नागरिकों की श्रेणी में वर्तमान में पुरुषों को 60 वर्ष और महिलाओं को 58 वर्ष की आयु से क्रमश: 40 प्रतिशत और 50 प्रतिशत की रियायत मिलती है।
रेल मंत्रालय का विचार है कि पुरुषों को 60 की बजाय 62 और महिलाओं को 58 की बजाय 60 वर्ष की आयु से वरिष्ठ नागरिक रियायत दी जाए। सूत्रों ने बताया कि इसी प्रकार से वातानुकूलित प्रथम श्रेणी में विकलांगों, मानसिक रूप से अशक्त, पूर्ण रूप से दृष्टिबाधित, कैंसर रोगी, थैलेसीमिया से पीडि़त लोगों, गुर्दे एवं दिल के मरीजों, वरिष्ठ नागरिकों, एलोपैथिक डॉक्टर, मान्यता प्राप्त पत्रकारों और पुलिस पदक से अलंकृत 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को दस से लेकर पचास फीसदी की रियायत मिलती है।
रेल मंत्रालय इस श्रेणी में रियायतों को पूरी तरह से खत्म करने का इरादा रखती है। सूत्रों के अनुसार रेलवे का मानना है कि जिनके पास एसी प्रथम श्रेणी में चलने की हैसियत होती है, वे पूरा किराया देने में भी सक्षम होते हैं।
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