scriptAGRO INDUSTRY-राहत मिले तो पनपेंगे कृषि आधारित उद्योग, लाखों को मिलेगा रोजगार | AGRO INDUSTRY-If relief is provided, agriculture based industries will flourish, lakhs will get employment | Patrika News
जोधपुर

AGRO INDUSTRY-राहत मिले तो पनपेंगे कृषि आधारित उद्योग, लाखों को मिलेगा रोजगार

– विभिन्न कृषि जिंसों पर 0.50 से 1.60 प्रतिशत लग रहा मंडी टैक्स

– सरकार सभी जिंसों पर 0.50 पैसा भी कर तो, बढ़ जाएगा राजस्व

जोधपुरJul 10, 2024 / 07:12 pm

Amit Dave

जोधपुर. प्रदेश कई कृषि जिंसों के उत्पादन में अव्वल रहने के बावजूद वह मुकाम हासिल नहीं कर पाया है। नतीजतन, यहां की कई कृषि जिंस पड़ोसी राज्यों में जा रही है। पड़ोसी राज्यों कृषि आधारित उद्योग पनप गए है। इसकी वजह, राजस्थान में विभिन्न कृषि जिंसों पर अलग-अलग मंडी टैक्स की दरें है। राज्य सरकार की ओर से राजस्थान राज्य कृषि विपणन अधिनियम 1961 के अंतर्गत पिछले कई वर्षों से विभिन्न कृषि जिंसों पर 0.50 से 1.60 प्रतिशत मंडी टैक्स लिया जा रहा है। इससे सरकार को विशेष आय भी नहीं हो रही है। अगर समय रहते सरकार की ओर से कृषि जिंसों पर मंंडी टैक्स में सरलीकरण कर दिया जाए, तो प्रदेश कृषि आधारित उद्योगों का हब बनेगा। साथ ही, यहां लाखों लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

तो बढ़ जाएगा राजस्व

कृषि विपणन विशेषज्ञ श्याम सोनी के अनुसार, प्रदेश में वर्तमान कृषि उत्पादन को देखते हुए सरकार ने जो राजस्व की दर तय की है, उसके मुताबिक कर 40 प्रतिशत प्राप्त हो पा रहा है। अगर सरकार सभी जिंसों पर मंडी फीस 0.50 प्रतिशत प्रति सैकड़ा कर दे, तो वर्तमान में जो पिछले 5 सालों में जो कर प्राप्त हुआ है, अनुमानित कर उससे कई गुना ज्यादा आएगा।

प्रमुख कृषि जिंसों पर मंडी टैक्स

– 0.50 पैसा- जीरा, ईसबगोल, बाजरा, ज्वार, मक्का।

– 1 प्रतिशत- तिल, तारामीरा, सरसों, अरंडी, मूंगफली, सोयाबीन।

– 1.60 प्रतिशत- ग्वार, मूंग, मोठ, गेहूं, मैथी, चवळा,चना, जौ।
(वर्तमान में, प्रदेश में 70-80 कृषि जिंसों पर मंडी टैक्स लिया जा रहा है)

सरकार को मंडी टैक्स के रूप में मिला राजस्व (लाख रुपए में)

वर्ष—- मंडी टैक्स

2018-19–61595.44

2019-20- 66543.06
2020-21- 56338.29

2021-22-42465.22

2022-23- 58883.93

2023-24- 58292.70

जोधपुर में नहीं पनप रहे उद्योग

– जीरा, रायड़ा, ईसबगोल, अरण्डी व ग्वारगम के उत्पादन में देश में पहले स्थान पर है। लेकिन यहां इन कृ़षि जिंसों पर आधारित उद्योग नहीं पनप पाए है।
– जीरा-रायड़ा, ईसबगोल का सर्वाधिक उत्पादन पं राजस्थान में, लेकिन पर्याप्त उद्योग नहीं।

– अरण्डी का सर्वाधिक उत्पादन, लेकिन केवल एक मात्र छोटा प्लांट।

– ग्वारगम इंडस्ट्री फेल हो गई। व्यापार पड़ौसी राज्यों में हो रहा।

मंडी टैक्स की दर 0.50 पैसा, तो पनपेंगे उद्योग

सरकार अगर प्रदेश में कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देना चाहती है तो कृषि जिंसों पर मंडी टैक्स की दर 0.50 पैसा करे तो, निश्चित ही सरकार को दोगुना राजस्व मिलेगा। यहां उद्योग पनप जाएंगे व लाखों लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
– पुुरुषोत्तम मूूंदड़ा, अध्यक्ष, जोधपुर जीरा मंडी व्यापार संघ

Hindi News/ Jodhpur / AGRO INDUSTRY-राहत मिले तो पनपेंगे कृषि आधारित उद्योग, लाखों को मिलेगा रोजगार

ट्रेंडिंग वीडियो