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आधुनिक सुविधाआें से लैस होगी यूनिट
बयान में कहा गया, “यह इकाई आधुनिकतम रोबोटिक स्पॉट वेल्डिंग गन से लैस है जो बेहद सटीक और समरूप तरीके से काम करती हैं। ये स्वचालित गन वेल्डिंग का काम तेजी से करती है जिससे न्यूनतम अवगुणों के साथ स्टेनलेस स्टील पुर्जो की आपूर्ति समय पर हो सकेगी। साथ ही आईसीएफ चेन्नई से इस इकाई के करीब होने से लागत कम होगी। इससे पहले इन स्टेनलेस स्टील पुर्जो की आपूर्ति जिंदल स्टेनलेस की हरियाणा स्थित पथरेड़ी इकाई से की जाती थी।”
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दो दशकों से रेलवे के साथ काम कर रहा जिंदल स्टील
जेएसएल लाइफस्टाइल लि. की प्रबंध निदेशक दीपिका जिंदल ने कहा, “जिंदल स्टेनलेस और भारतीय रेल का सम्बन्ध दो दशक पुराना है। हमने चेन्नई में अपनी इकाई की स्थापना कर इसे और मजबूत किया है और उम्मीद है कि इस नए कदम के साथ हम कई नए मुकाम हासिल करेंगे। रेलवे के साथ हमारा सम्बन्ध उच्च गुणवत्ता की मजबूत बुनियाद पर कायम है और हमारे उत्पाद हमेशा से इस बुनियाद को सशक्त करते रहे हैं। फिलहाल हमने सालाना करीब 4,800 टन फेब्रिकेशन के साथ अपना परिचालन शुरू किया है और अगले कुछ वर्षो में इसे 7,200 टन तक बढ़ाया जाएगा।”
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रेल कोच के इन हिस्सों का निर्माण करेगी जिंदल स्टेनलेस
कंपनी ने बताया कि यह रेल इकाई आईसीएफ, चेन्नई के लिए रेलवे कोच से सम्बंधित साइड-वाल, रूफ आर्क, ट्रफ फ्लोर और रिटेंशन टैंक जैसे हिस्सों का उत्पादन करेगी। इन स्टेनलेस स्टील पुर्जो का उपयोग एलएचबी (लिंक हॉमैन बुश) मॉडल और अन्य प्रकार के कोच विनिर्माण में किया जाएगा। कंपनी को इस इकाई से सालाना करीब 100 करोड़ रुपये की आरंभिक आय की उम्मीद है। उत्पादन क्षमता 7,200 टन हो जाने पर कंपनी की आय सालाना करीब 300 करोड़ रुपये हो जाने का अनुमान है। इस रेलवे इकाई के परिचालन का प्रबंधन रेलवे फेब्रिकेशन में उच्च कौशल प्राप्त कर्मचारी करेंगे।
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वंदे भारत एक्सप्रसे में भी रहा था प्रमुख आपुर्तिकर्ता
दरअसल, जिंदल स्टेनलेस हाल ही में निर्मित भारत की सबसे तेज रेलगाड़ी, ‘वन्दे भारत एक्सप्रेस’ के कोच के निर्माण के लिए स्टेनलेस स्टील के प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं में शामिल था। इस रेलगाड़ी का विनिर्माण भी आईसीएफ की चेन्नई इकाई में हुआ था। भारतीय रेलवे ने अगले चार-पांच सालों में सालाना करीब 10,000 स्टेनलेस स्टील कोच के उत्पादन की योजना बनाई है।
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