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शिकायतकर्ता ने क्लब फैक्ट्री से टाइटन घड़ी खरीदी थी, जिस पर 86 प्रतिशत की छूट थी, और रे-बन के दो सनग्लासेज ऑर्डर किए थे, जिस पर 90 प्रतिशत की छूट दी गई थी। उन्हें 25 नवंबर को ऑर्डर मिला, जिसे खोलने पर उन्हें पता चला कि ऑर्डर किए गए दोनों उत्पाद नकली हैं। इसके बाद उन्होंने कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए गए टोलफ्री नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की। हालांकि इस पर उन्हें कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली। वहीं क्लब फैक्ट्री की वेबसाइट पर सेलर का नाम महाकाल एंटरप्राइज और परफेक्ट टाइम्स दिया गया था। शिकायतकर्ता ने कंपनी को इन्वॉइस की एक प्रति के लिए ईमेल किया था, लेकिन उन्हें इन्वॉइस की वह प्रति नहीं दी गई।
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क्लब फैक्ट्री से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर शिकायतकर्ता ने टाइटन और रे-बन के कस्टमर केयर से संपर्क साधा। इसके बाद उन्हें पता चला कि दोनों कंपनियों का क्लब फैक्ट्री से कोई संबंध नहीं है और न ही वे अपने उत्पादों को क्लब फैक्ट्री के जरिए बेचते हैं। वहीं कक्कड़ ने अपनी शिकायत में यह भी बताया कि क्लब फैक्ट्री के टोलफ्री नंबर पर दोबारा बात करने पर उनके प्रतिनिधियों ने समस्या का समाधान करने के बजाय उन्हें धमकी दे दी। शिकायतकर्ता को कंपनी से मिली आपराधिक धमकी से संबंधित आईपीसी की धारा 506 के तहत भी कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है।
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एफआईआर में कंपनी के दो निदेशकों, जियालुन ली और गर्वित अग्रवाल, कंपनी के सीएफओ अश्विनी रस्तोगी और क्लब फैक्ट्री के शिकायत अधिकारी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 406, 506 और 120 बी के तहत धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और आपराधिक धमकी देने को लेकर मामला दर्ज कराया गया है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि मामले की आगे की जांच की जा रही है।