वर्तमान समय में 8 लाख या इससे अधिक की आय कमाने वाले परिवार को क्रीमी लेयर में रखा जाता है। आय के चलते ओबीसी के लिए उपलब्ध कोटा ( obc reservation ) का लाभ उन्हें नहीं मिलता है। जिसकी वजह से सरकार इस कोटे को तय करने के लिए ग्रॉस इनकम से टैक्सेबल इनकम का रुख कर सकती।
क्या होती है क्रीमी लेयर ( creamy layer ) ?
क्रीमी लेयर ओबीसी की वह कैटेगरी है जिसे एडवांस माना जाता है, और इसके चलते उन्हें नौकरी और शिक्षा में 27 फीसदी रिजर्वेशन नहीं मिलता है। सरकार का मानना है कि सैलरी के फैक्टर को शामिल कर समुदाय के संपन्न लोगों को अलग करने में मदद मिलेगी। इससे ओबीसी समुदाय के कमजोर वर्ग के लिए रास्ता खुलेगा।
एनसीबीसी ( NCBC ) कर रही है विरोध- NCBC सरकार के इस फैसले का विरोध कर रही है। उनका कहना है कि सरकार के इस कदम से पिछड़ा वर्ग समुदाय के हितों को नुकसान होता है। ओबीसी वेलफेयर पर संसदीय समिति के चेयरमैन और वरिष्ठ भाजपा सदस्य गणेश सिंह ने ओबीसी समुदाय के सभी दलों के सदस्यों से कहा था कि वे कैबिनेट के प्रस्ताव का विरोध करें। इसस मामले पर संसदीय कमेटी ने अमित शाह से भी चर्चा की है।