आपको बता दें कि कंपनी के इस फैसले को कंपनी को काफी बड़ा नुकसान हो सकता है लेकिन कंपनी ने स्पष्ट कर दिया है कि फिलहाल वक्त की जरूरत को देखते हुए उन्होने इस फैसले को लागू करने का निश्चय किया है।
कोका-कोला ( Cocacola ) कंपनी के चेयरमैन और सीईओ ( Cocacola CEO ), जेम्स क्विनी ने अपने बयान में कहा है कि न ही दुनिया में और न ही सोशल मीडिया पर नस्लवाद ( Racist content )के लिए कोई जगह है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया कंपनियों को ज्यादा जवाबदेह और पारदर्शी बनने की जरूरत है।
इसके साथ ही उन्होने स्पष्ट किया है कि ‘ब्रेक’ यह मतलब नहीं है कि वह पिछले दिनों शुरू हुए अफ्रीकी-अमेरिकी आंदोलन में शामिल हो रही है, बल्कि हम अपनी विज्ञापन नीतियों को फिर से निर्धारित करने विचार ( Cocacola will Review its Advt ) करेंगे, यह देखेंगे कि क्या इसमें संसोधन की जरूरत है। कंपनी का कहना है कि इस पूरी एक्सरसाइज का उद्देश्य सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वाले ग्रुप्स पर रोक लगाना है।
कई कंपनियां कर रही है सोशल मीडिया ( Social media ) का बॉयकाट- नस्लीय भेदभाव ( संबंधी कंटेट के चलते कई कंपनियों ने फिलहाल फेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफार्म्स से दूरी बना ली है। यूनीलीवर ने भी ऐलान किया था कि इस साल के आखिर तक के लिए फेसबुक ( facebook ) , ट्विटर ( Twitter ) और इंस्टाग्राम ( Instagram ) से हर प्रकार की दूरी बनाएंगे और किसी भी प्रचार को इन प्लेटफार्म्स पर जगह नहीं मिलेगी, ताकि चुनावों का ध्रुवीकरण न हो सके। वहीं फेसबुक ने इस मामले पर कदम उठाते हुए कहा है कि जल्द ही वो नफरत फैलाने वाले कंटेट को एक बड़ी कैटेगरी बनाकर उसे अपने प्लेटफार्म पर बैन कर देंगे ।