अमेजन की तरफ से यह बयान करीब छह महीने बाद आया है जब ई-कॉमर्स सेक्टर के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ( FDI ) को लेकर केंद्र सरकार ने नियमों में बदलाव किया था। नए नियमों के मुताबिक, विदेश ई-कॉमर्स कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म पर उन कंपनियों के उत्पाद नहीं बेच सकती है, जिनमें उनका स्टेक है या फिर उनकी इन्वेन्टरी को वो कंट्रोल करते हैं।
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क्या है मौजूदा नियम
इस नये नियम के मुताबिक, कंपनी अपने एक्सक्लुसिव प्रोडक्ट को अपने प्लेटफॉर्म पर नहीं बेच सकती हैं। निय में कहा गया है कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर सेलर्स को किसी भी वस्तु एवं सेवा के लिए प्रभावित नहीं करेंगे। मौजूदा समय में, सरकार एक नये ई-कॉमर्स पॉलिसी बनाने की तैयारी में है, जिसके तहत क्रॉस-बॉर्डर डेटा फ्लो को रेग्युलेट करने, स्टोरेज फैसिलिटी को देश में बनाने के बारे में प्रस्ताव दिया गया है।
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भारत के 80 फीसदी ऑनलाइन मार्केट पर अमेजन और फ्लिपकार्ट का कब्जा
अमेजन के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार के साथ हमारी पार्टनरशिप साकारात्मक मोड़ पर है। हमें उम्मीद ळै कि सरकार एक ऐसी स्थिर पॉलिसी बनायेगी ताकि हम इन्फ्रास्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी में निवेश कर सकें। इससे में रोजगार के अवसर के साथ-साथ लोकल बिजनेस को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी। हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेजन और वॉलमार्ट की फ्लिपकार्ट भारत के 80 फीसदी ई-कॉमर्स सेक्टर बाजार पर कब्जा करती हैं।