वहीं दूसरी ओर जेट के 400 से अधिक फ्लाइट स्लॉट का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। जिन्हें अन्य एयरलाइंस को अलॉट किया जा रहा है। इसके अलावा जेट एयरवेज के बिना रजिस्टर्ड विमानों को दूसरी विमान कंपनियां लीज पर ले रही है, वहीं जेट के कर्मचारियों को हायर कर रही है। अगर बात स्पाइसजेट की करें तो उसने जेट के 40 बोइंग 737 विमान लीज पर लेने की योजना बनाई है। स्पाइसजेट जेट एयरवेज के 1,000 कर्मचारियों को नौकरी पर भी रख रही है।
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एयर इंडिया के विमान भी हैं खराब
इसके अलावा एयर इंडिया के 20 विमान तकनीकी खराबी के कारण सेवा में नहीं है। एयर इंडिया और इसकी सब्सिडियरीज के पास 120 से अधिक विमान हैं। अधिकारी ने कहा कि एयर इंडिया अक्टूबर-नवंबर तक जमीन पर खड़े विमानों में जरूरी मरम्मत के बाद उन्हें दोबारा उड़ानों पर लगाएगी। एयर इंडिया के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने जेट एयरवेज को लोन देने वाले सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को अप्रैल में पत्र लिखकर उनसे जेट के 10 बोइंग 777 विमानों में से कुछ को टेकओवर करने का प्रपोजल दिया था। जेट ने इनमें से कुछ विमानों को खरीदने के लिए लिए गए लोन पर डिफॉल्ट किया है।
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18 हजार कर्मचारी हो गए थे बेरोजगार
आपको बता दें कि जेट ने कैश की कमी और बैंकों से लोन जुटाने में नाकाम रहने के बाद 17 अप्रैल को अपनी उड़ानें अस्थाई तौर पर बंद कर दी थी। जेट के लगभग 70 विमान जमीन पर खड़े हैं। इनमें से करीब 50 को प्लेन लीजिंग कंपनियों को लीज का भुगतान न करने के कारण डी-रजिस्टर कर दिया गया है। जेट एयरवेज के 18,000 से अधिक कर्मचारी तकलीफों का सामना कर रहे हैं।