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इन दोनों कंपनियों के विनिवेश के बिना विनिवेश लक्ष्य पूरा नहीं
वित्त निर्मला सीतारमण ने साफ कर दिया है कि बीपीसीएल और एयर इंडिया को मौजूदा वित्त वर्ष में बेच दिया जाएगा। निर्मला सीतारमण के अनुसार विनिवेश का लक्ष्य तब तक पूरा नहीं हो सकता जब तक इन दोनों कंपनियों का विनिवेश नहीं हो जाता है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो बीपीसीएल कंपनी के लिए लीगल एडवाइजर, एसेट वैल्यूएर की नियुक्ति की बोली मंगाई गई है। वहीं बीपीसीएल के विनिवेश का प्रस्ताव कैबिनेट के पास भेजा दिया गया है जिस पर जल्द ही मुहर लग सकती है। आपको बता दें कि केंद्र सरकार बीपीसीएल में अपनी पूरी हिस्सेदारी 53.3 फीसदी बेचना चाहती है, जिससे करीब 60 हजार करोड़ रुपए जुटाने का अनुमान लगाया जा रहा है।
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एयर इंडिया बनी सरकार के लिए सिरदर्द
दूसरी तरफ एयर इंडिया भी भारत सरकार के लिए काफी बड़ा सिरदर्द बनता जा रहा है। लगातार घाटों से गुजर रही कंपनी पर लगातार कर्ज एयर टर्बाइन फ्यूल कंपनियां कंपनी को फ्यूल ना देने की चेतावनी भी जारी कर चुकी है। ऐसे में सरकार के पास इसे बेचने के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है। जानकारों की मानें तो एयर इंडिया को बेचने की प्रक्रिया तेज हो गई है और मंत्रियों के समूह ने प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया है। जल्द ही इसके बिकने की मंजूरी भी मिल सकती है।