यह भी पढ़ेंः- पेट्रोल और डीजल के दाम स्थिर, जानिए आपको कितने चुकाने होंगे अपने शहर में दाम
पीएमओ और आरबीआई अधिकारियों के साथ होगी बैठक
अफोर्डेबल हाउसिंग की लिमिट को बढ़ाने से पहले पीएमओ और आरबीआई के अधिकारियों के बीच बैठक की जाएगी। मीटिंग में हरी झंडी मिलने के बाद ही इसे अमल में लाया जाएगा। जानकारों की मानें तो इसकी घोषणा दीपावली से पहले की जा सकती है। ताकि देश के आम लोगों को इसका फायदा हो सके। जानकारों की मानें तो लोग घर दीपावली के समय ज्यादा खरीदते हैं। वहीं डेवेलपर्स भी फेस्टिव सीजन में ऑफर निकालते हैं। ऐसे में सरकार अगर यह कदम जल्द उठाती है तो लोगों को काफी फायदा होने की उम्मीद है।
यह भी पढ़ेंः- वित्तमंत्री मंत्रालयों के पूंजीगत व्यय व योजनाओं की करेंगी समीक्षा
मीटिंग में उठी थी बात
गुरुवार को वित्त मंत्री की बैंकरों के साथ बैठक हुई थी। जिसके बाद बैंकों और फाइनेंस कंपनियों के अधिकारियों ने सस्ते मकानों की परिभाषा बदलने की बात कही थी । उन्होंने कहा था कि जल्द ही 50 लाख रुपए तक के मकानों को अफोर्डेबल हाउस की लिमिट में लाया जाए। वहीं उन्होंने वित्त मंत्री को यह भी जानकारी दी थी कि मौजूदा समय में अफोर्डेबल हाउजिंग सेक्टर में सबसे ज्यादा लोन की मांग है। इस कदम से रियल एस्टेट में एक बार फिर से तेजी देखने को मिलेगी।
यह भी पढ़ेंः- भ्रष्टाचार के आरोपी 15 आयकर अधिकारियों को दिया गया जबरन रिटायरमेंट
एनपीए रिस्क होता है कम
बैंक अधिकारियों के अनुसार रियल एस्टेट सेक्टर में लोगों को लोन देने में रिस्क काफी कम होता है। साथ ही ऐसे में लोन के एनपीए बनने पर ज्यादा जोखिम नहीं रहता है। जानकारों के अनुसार बैंकरों और हाउजिंग फाइनेंस द्वारा दिए गए आंकड़ों के बाद वित्त मंत्रालय ने इस मांग पर आगे बढऩे का फैसला किया है। एक सीनियर सरकारी अधिकारी के अनुसार, सरकार इस वक्त इकॉनमी में तेजी लाने के लिए वह सारे कदम उठाएगी, जिससे उसके खजाने पर बोझ कम पड़े और रिस्क भी कम हो।