5 साल में पूरा होगा प्रोजेक्ट- अडानी को इस प्रोजेक्ट को 5 साल में पूरा करना होगा । बताया जा रहा है कि अकेले इस प्रोजेक्ट से लगभग 4 लाक नौकरियों का सृजन होगा। 8 गीगावॉट की इस योजना में एक 2 गीगावॉट का प्रोजेक्ट एक ही साइट पर लगाया जाएगा जबकि बाकी 6 गीगावॉट अलग अलग जगहों पर लगाएं जाएंगे । इस दुनिया का अब तक का सबसे बड़ा सोल पॉवर प्रोजेक्ट बताया जा रहा है । मोदी के आत्म निर्भर भारत अभियान (Self Reliant India Program) के बाद से यह पहला सबसे बड़ा निवेश होगा। अगले 5 साल में इस प्रोजेक्ट में 1.12 लाख करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट से कंपनी को ग्रीन पॉवर सेक्टर में सबसे बड़ी कंपनी का लक्ष्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
सबसे बड़ी रिन्यूएबल कंपनी का मिल सकता है खिताब-
अडानी 2025 तक दुनिया की सबसे बड़ी रिन्यूएबल कंपनी के मालिक बन सकते हैं । इस प्रोजेक्ट के मिलने से कंपनी 2 गीगावॉट सोलर सेल का अतिरिक्त निर्माण कर सकेगी और उसकी मॉड्यूल निर्माण क्षमता भी बढ़ेगी। इस प्रोजेक्ट की बदौलत अडानी ग्रीन एनर्जी की क्षमता को 15 गीगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है। इसमें ऑपरेशन, मैन्यूफैक्चरिंग या कॉन्ट्रैक्ट के मिले प्रोजेक्ट शामिल हैं।
आपको बता दें कि इससे पहले अप्रैल में भी लॉकडाउन के बीच फ्रांस की Total SA ने अडानी ग्रुप में 3707 करोड़ के निवेश को हामी भरी है। अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एजीईएल) के साथ इस डील में दोनो कंपनियों की हिस्सेदारी 50-50 होगी । उस वक्त अडानी ग्रुप ( Adani Group ) ने 2025 तक सोलर एनर्जी ( SOLAR ENERGY ) में और 2030 तक सबसे बड़ी रिन्यूएबल एनर्जी कंपनी बनने का लक्ष्य बताया था । अब सरकार की तरफ से मिला ये प्रोजेक्ट उसी दिशा में एक और कदम है।