मीडिया से बात करते हुये महपात्रा ने बताया, “सरकार कुछ और एयरपोर्ट्स के निजीकरण का प्लान बना रही है। देश में करीब 20-25 ऐसे एयरपोर्ट्स हैं, जिन्हें आने वाले दिनों में निजी हाथों में सौंपा जा सकता है। निजीकरण के लिए उन एयरपोर्ट्स के लिए चुना जा सकता है जिनपर सालाना 10 से 15 लाख यात्री आते-जाते हैं।”
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3 एयरपोर्ट को कैबिनेट ने दी मंजूरी
एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया ( AAI ) के चेयरमैन के मुताबिक, “कैबिनेट ने छह एयरपोर्ट के निजीकरण करने का फैसला लिया है। इनमें से 3 एयरपोर्ट्स के प्राइवेटाइजेशन के लिए कैबिनेट ने पहले ही मंजूरी दे दी है। विनिवेश के लिए कुछ एयरपोर्ट्स भी लिस्ट में है, जिसके लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति की जा चुकी है।” उन्होंने ये भी जानकारी दी कि दिगि यात्रा ने पहल किया है कि एयरपोर्ट्स को पेपरलेस बनाया जाये।
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इन एयरपोर्ट्स को पीपीपी मॉडल के तहत संचालित किया जाता है
बता दें कि पिछले साल ही सरकार ने छह एयरपोर्ट्स के लीज पर दिया था। इनमें अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ, गुवाहाटी, तिरुवनंतपुरम और मंगलुरू के एयरपोर्ट्स शामिल थे। मौजूदा में समय में दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, हैदराबाद और कोच्चिन एयरपोर्ट्स को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी पीपीपी मॉडल के तहत संचालित किया जा रहा है।
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