ये है पूरा मामला
मामला राजगढ़ जिले की भीलखेड़ा ग्राम पंचायत का है। जहां इस बार सरपंच का पद अनुसूचित जनजाति वर्ग की महिला के लिए आरक्षित था। लेकिन हैरानी की बात ये है कि पिछड़ा वर्ग की विनीता नाम की महिला ने दस्तावेजों में छेड़छाड़ कर अनीता नाम की महिला बनकर चुनाव के लिए नामांकन भर दिया। जिस अनीता नाम की महिला के नाम से दस्तावेज भरे गए वो बीते 15 साल से राजस्थान में रह रही है। वहीं दूसरी तरफ घूंघट की आड़ में अनीता बनकर विनीता ने गांव में वोट मांगे और चुनाव जीत लिया। घूंघट की आड़ में ही जिला निर्वाचन अधिकारी से जीत का प्रमाण पत्र ले लिया और इसी तरह सरपंच पद की शपथ भी ले ली।
अस्पताल के सामने बेटे को गोद में लिए पुकारती रही मां, उठ जा बेटा..उठ ना, पर नहीं खोली आंखें
ऐसे खुला राज..
अनीता बनकर विनीता के सरपंच का चुनाव जीतने का खुलासा उस वक्त हुआ जब चुनाव हारे प्रत्याशी ने इस गड़बड़ी के खिलाफ मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ का दरवाजा खटखटाते हुए याचिका दायर कर दी। हारे प्रत्याशी ने कोर्ट को बताया कि जिस अनीता नाम की महिला के नाम से चुनाव जीता गया है वो तो 15 साल से गांव में नहीं बल्कि राजस्थान में रहती है। मामले पर सुनवाई करते हुए अब कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग और कलेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने नोटिस में पूछा है कि इतनी बड़ी गड़बड़ी आखिर कैसे हो गई। कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 13 सितंबर को होगी।