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इंदौर के विकास में अर्बन प्लानर्स का हो साथ तो बने बात

होलकर राजाओं ने विषय विशेषज्ञों के साथ हमेशा खींचा विकास का खाका
सरकारी सेटअप से सोच के दायरे को लाना होगा बाहर
शहर के प्रबुद्धजन भी कर रहे मांग

इंदौरJan 26, 2022 / 12:44 am

अभिषेक श्रीवास्तव

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अभिषेक

इंदौर. किसी भी शहर का समग्र विकास वहां के लोगों का सपना होता है। इसलिए जब भी भविष्य की प्लानिंग होती है तो आमजन यही चाहता है कि वह उस दौर की जरूरतों की कसौटी पर खरा उतरे। इंदौर के इतिहास में भी यही समग्रता रची बसी है, होलकर राजाओं ने जब भी विकास का खाका खींचा तो गणमान्यों के साथ विषय विशेषज्ञों (अर्बन प्लानर्स) को भी मंथन में शामिल किया। इसका नतीजा रहा कि नगरीय शैली की परंपरा यहां वर्षों पूर्व ही जीवंत हो उठी। लेकिन बाद के वर्षों में प्लानिंग को एक सरकारी सेटअप में शामिल कर दिया गया। मास्टर प्लान पर राजनीतिक छवि हावी हो गई। जो प्लान तैयार किए गए, वह भी वर्षों में सही से आकार नहीं ले सके। कहीं राजनीतिक प्रतिष्ठा आड़े आई तो कभी अफसरों की लेटलतीफी भारी पड़ गई।
दरअसल, एक बार फिर इंदौर अपना मास्टर प्लान तैयार कर रहा है। 20३५ के हिसाब से विकास की प्लानिंग, शहर की संरचना का खाका खींचने की तैयारी है। ऐसे में जरूरी है कि जब इस प्लानिंग के लिए मंथन हो तो उसमें अर्बन डवलपर्स भी शामिल हों। देश-विदेश से उन विशेषज्ञों को शामिल किया जाए, जिनकी समझ भविष्य के इंदौर को बेहतर बना सके। इस संबंध में शहर के प्रबुद्धजन शासन से पहले ही मांग कर चुके हैं। ये भविष्य के इंदौर को लेकर बैठकों का दौर जारी रखे हुए हैं।
संचालक को लिखा पत्र
20३5 को दृष्टिगत रखते हुए तैयार होने वाले मास्टर प्लान को लेकर इंदौर के प्रबुद्धजनों में खासा उत्साह है। इंदौर उत्थान अभियान ने इसको लेकर ड्राफ्ट भी तैयार किया है। काफी अध्ययन के बाद प्रजेंटेशन में भविष्य की जरूरतों और उसके समाधान को बताया। इस संबंध में अध्ययन दल के अध्यक्ष अजीत सिंह नारंग ने संचालक नगर-ग्राम निवेश विभाग को पत्र भी लिखा है। उन्होंने पत्र में लिखा है, इंदौर विकास योजना की अवधारणा वृहद क्षेत्रीय परिवेश, महानगरीय पृष्ठभूमि एवं सुदृढ़ नगरीय, उपनगरीय परिवहन संरचना पर आधारित हो। इंदौर की प्रमुख सामाजिक, रचनात्मक एवं तकनीकी संस्थाओ के वरिष्ठ जनों एवं विशेषज्ञों ने गहन अध्ययन के पश्चात एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। इसका विस्तृत अध्ययन कर मास्टर प्लान तैयार किया जाना अधिक सुसंगत होगा। इस विषय में एक सार्थक निर्णय लेने के लिए अध्ययन दल के कुछ प्रमुख सदस्य आपसे मिलकर चर्चा करना चाहते हैं।
होलकर राजाओं ने कुछ ऐसे बनाई थी योजना

आधुनिक इंदौर का मास्टर प्लान
आधुनिक इंदौर का मास्टर प्लान 1974 से 1991 विकास योजना के रूप में तैयार हुआ। इसके बाद विकास योजना 1991 बनी, जो विवादों के कारण लागू नहीं हो सकी। वर्तमान मास्टर प्लान 2008 में लागू किया गया। इसकी अवधि दिसंबर 2021 में समाप्त हो गई।
अब यह कवायद

मास्टर प्लान-20३5 तैयार किया जा रहा है। इसके लिए प्रक्रिया जारी है। इसमें 79 नए गांव शामिल करके शहर का विस्तार क्षेत्र 880 वर्ग किमी किया गया है। इसे डिजिटली तैयार किया जा रहा है। नया मास्टर प्लान 40 लाख आबादी के आधार पर तैयार किया जा रहा है।
महानगर की तरह बने
इंदौर लगातार बढ़ता शहर है। मेट्रो के लिए इंदौर को मेट्रोपॉलिटन एरिया घोषित किया गया है। इसमें इंदौर के साथ राऊ, महू, पीथमपुर व बेटमा को शामिल किया है। मास्टर प्लान शहर व इससे लगे निवेश क्षेत्र के लिए तैयार हो रहा है, जबकि पीथमपुर व बेटमा क्षेत्र के कुछ हिस्सों में पीथमपुर का मास्टर प्लान लागू रहेगा। शहर का समग्र मास्टर प्लान तैयार होना चाहिए।

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