20३5 को दृष्टिगत रखते हुए तैयार होने वाले मास्टर प्लान को लेकर इंदौर के प्रबुद्धजनों में खासा उत्साह है। इंदौर उत्थान अभियान ने इसको लेकर ड्राफ्ट भी तैयार किया है। काफी अध्ययन के बाद प्रजेंटेशन में भविष्य की जरूरतों और उसके समाधान को बताया। इस संबंध में अध्ययन दल के अध्यक्ष अजीत सिंह नारंग ने संचालक नगर-ग्राम निवेश विभाग को पत्र भी लिखा है। उन्होंने पत्र में लिखा है, इंदौर विकास योजना की अवधारणा वृहद क्षेत्रीय परिवेश, महानगरीय पृष्ठभूमि एवं सुदृढ़ नगरीय, उपनगरीय परिवहन संरचना पर आधारित हो। इंदौर की प्रमुख सामाजिक, रचनात्मक एवं तकनीकी संस्थाओ के वरिष्ठ जनों एवं विशेषज्ञों ने गहन अध्ययन के पश्चात एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। इसका विस्तृत अध्ययन कर मास्टर प्लान तैयार किया जाना अधिक सुसंगत होगा। इस विषय में एक सार्थक निर्णय लेने के लिए अध्ययन दल के कुछ प्रमुख सदस्य आपसे मिलकर चर्चा करना चाहते हैं।
आधुनिक इंदौर का मास्टर प्लान 1974 से 1991 विकास योजना के रूप में तैयार हुआ। इसके बाद विकास योजना 1991 बनी, जो विवादों के कारण लागू नहीं हो सकी। वर्तमान मास्टर प्लान 2008 में लागू किया गया। इसकी अवधि दिसंबर 2021 में समाप्त हो गई।
इंदौर लगातार बढ़ता शहर है। मेट्रो के लिए इंदौर को मेट्रोपॉलिटन एरिया घोषित किया गया है। इसमें इंदौर के साथ राऊ, महू, पीथमपुर व बेटमा को शामिल किया है। मास्टर प्लान शहर व इससे लगे निवेश क्षेत्र के लिए तैयार हो रहा है, जबकि पीथमपुर व बेटमा क्षेत्र के कुछ हिस्सों में पीथमपुर का मास्टर प्लान लागू रहेगा। शहर का समग्र मास्टर प्लान तैयार होना चाहिए।