शेफाली ने बताया कि उन्हें साहित्यिक किताबें पढऩे का बेहद शौक है और सआदत हसन मंटो और इस्मत चुगताई उनके प्रिय लेखक हैं। इनकी तकरीबन सभी कहानियां उन्होंने पढ़ रखी हैं। वे मानती हैं कि हर युवा कलाकार को साहित्य पढऩा चाहिए क्योंकि इससे भी उसे एक्सपोजर मिलता है और किरदार के अंदर पैठने की ताकत मिलती है। इंदौर में ईएमआरसी में पढ़ाई के दौरान उन्होंने कुछ नाटकों में भी काम किया, जिसमें एक नाटक सुशील जौहरी ने डायरेक्ट किया था। वह इन दिनों एक वेब सीरीज लिख रही हैं।
शेफाली ने बताया कि उनके पिता बैंक ऑफ इंडिया में अधिकारी हैं और मां बिजनेस वुमन हैं। पढ़ाई के दौरान ही मैंने तय कर लिया था कि एक्टिंग में ही कॅरियर बनाना है पर जब मैंने मुंबई जाने का तय किया तो पैरेन्ट्स डरे हुए थे कि अकेली लडक़ी कैसे संघर्ष करेगी। फिर भी उन्होंने पूरा सपोर्ट किया और उनके सपोर्ट से ही मैं एक्ट्रेस बन सकी। मुंबई जाते ही सोनी टीवी के धारावाहिक ‘बेहद’ में सिलेक्ट हो गई पर सीरियल पसंद न आने के कारण वो ऑफर स्वीकार नहीं किया। जब स्टार प्लस के इस सीरियल के लिए सिलेक्शन हुआ तो इनकार नहीं कर सकीं। शेफाली का लक्ष्य फिल्मों में एक्टिंग करना है।