प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने विभाजनकारी ताकतें और विमर्श विषय पर सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि देश विरोधी ताकतें आजादी के बाद से समाज में लगातार ऐसे नरेटिव बनाती आई है, जिससे समाज भ्रमित हो। इन्हीं ताकतों ने कश्मीर में जनमत संग्रह की बात की। वहीं सेना के जवानों को रैपिस्ट बताकर उन्हें बदनाम करने में भी यह ताकतें पीछे नहीं रहीं। अभिव्यक्ति के नाम पर यही वामपंथी जेएनयू में भारत विरोधी ताकतों को मजबूत करने के प्रयास करते हैं तो कभी आस्था के केन्द्र राम मंदिर के निर्माण में अवरोध उत्पन्न करते है। उन्होनें कहा कि इन विभाजनकारी ताकतों का एकमात्र उद्देश्य समाज के बीच भ्रम फैलाना है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान के प्रताडि़त हिन्दुओं को भारत की नागरिकता देने के लिए जब सीएए कानून बना तो देश विरोधी ताकतों ने इसे एनआरसी से जोडक़र झूठ परोसा।