पिछली बार हुई घटनाओं को देखते हुए रेलवे की ओर से सुरक्षा के कड़े प्रबंधन किए गए थे। छात्रों की भीड़ से आम यात्रियों को होने वाली असुविधा से बचाने के लिए पिछली बार की तरह इस बार भी स्पेशल ट्रेन को मुख्य स्टेशन के बजाय नए आईलैंड स्टेशन स्थित प्लेटफार्म 5 व 6 से चलाया गया। उक्त ट्रेन में इस बार पिछले बार के मुकाबले ज्यादा भीड़ थी। स्टेशन पर छात्रों द्वारा उत्पात व तोडफ़ोड़ किए जाने जैसी घटनाओं को देखते हुए चप्पे-चप्पे पर आरपीएफ और जीआरपी पुलिस ने कड़ा पहरा दे रखा था।
6 बजे बाद आई ट्रेन दरअसल, स्टूडेंट स्पेशल ट्रेन को छात्रों की सुविधा को देखते हुए प्लेटफार्म पर करीब 3 से 4 घंटे पहले लगाया जा रहा था। इस वजह से छात्र समय पर ट्रेन में पहुंचकर अपनी जगह बना लेते थे। शाम करीब 5.30 बजे परीक्षाएं सभी सेंटरों पर खत्म होने के बाद छात्रों का जनसमूह स्टेशन की उमड़ा। शाम ६ बजे तक तक ट्रेन के प्लेटफार्म पर नहीं लगने की वजह से छात्रों खासा हुजूम इकट्ठा हो गया। इस वजह से व्यवस्थाएं बिगड़ गई लेकिन आरपीएफ-जीआरपी जवानों ने ट्रेन के लगते ही छात्रों को ट्रेन में बैठाया। निगरानी में बिठाया छात्रों को
ट्रेन में छात्रों को बारी-बारी कर सुरक्षाकर्मियों की निगरानी में रवाना किया गया। प्रत्येक डिब्बे में सिर्फ क्षमता तक ही छात्रों को बैठा गया। पिछली परीक्षा की अपेक्षा इस बार इंदौर से पटना जाने वाले परीक्षार्थियों की संख्या कम होने की वजह से स्टेशन पर किसी तरह की अफरा-तफरी जैसा माहौल नहीं बन पाया। रेलवे पीआरओ जितेंद्र कुमार जयंत ने बताया कि आगामी 31 अगस्त तक चलने वाली इन परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए रेलवे द्वारा फिर स्पेशल ट्रेन चलाने का निर्णय लिया जा सकता है।