भोजशाला को जैन गुरुकुल बताने वाली जैन समाज की याचिका खारिज, हाईकोर्ट ने दी बड़ी नसीहत
Jain Community Bhojshala Petition Reject : भोजशाला को लेकर जैन समाज की ओर से दायर की गई याचिका खारिज कर दी गई है। हाईकोरट ने कहा- पिटीशन सही फॉर्मेट में दायर नहीं की गई है। अगली बार अगर पिटीशन लगाएं तो उसे सही फॉर्मेट में लगाएं।
Bhojshala Petition Reject : मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बैंच ने धार जिले में स्थित भोजशाला के लिए जैन समाज द्वारा लगाई गई याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने जैन समाज से कहा है कि उनका केस प्रॉपर फॉर्मेट में पेश नहीं किया गया है, जिसके चलते उसे खारिज किया जाता है। कोर्ट ने जैन समाज से सही फॉर्मेट बनाकर नियमानुसार याचिका लगाने की हिदायत दी है। अदालत ने सुव्यवस्थित रूप से पुन: नई याचिका लगाने को कहा है। माना जा रहा है कि जैन समाज जल्द ही सही फॉर्मेट में एक बार फिर हाईकोर्ट में पिटीशन दायर करेगा।
बता दें कि धार स्थित भोजशाला में कोर्ट के आदेश के बाद भारतीय पुरातत्व विभाग की टीम ने सर्वे किया। सर्वे के दौरान संबंधित परिसर से 1700 से अधिक अवशेष जमीन से बरामद हुए हैं। इनमें मुख्य रूप से देवी-देवताओं की मूर्तियां, ढांचे, खंभे, दीवारें, भित्ति चित्र बड़ी संख्या में मिले हैं। दावा है कि ये सब परमार कालीन यानी 9 से लेकर 11वीं शताब्दी के बीच का निर्माण है। इस बीच एक गर्भगृह के पास 27 फीट लंबी दीवार भी मिली है जो पत्थर की जगह ईंटों से बनी है। इन्हीं अवशेषों का हवाला देकर जैन समाज ने दावा किया था मिलने वाली मूर्तियां जैन धर्म से जुड़ी हैं। साथ ही, उन्होंने भोजशाला परिसर को जैन गुरुकुल होने का दावा किया है।
कमाल मौला दरगाह से सटी दीवार से लगा गोमुख और भीतर बावड़ी, कुरान की आयतें लिखे शिलालेख और जैन धर्म से जुड़ी मूर्तियां और शिलाएं भी मिली हैं। एएसआई भोजशाला के 50 मीटर के दायरे में सर्वे किया। क्योंकि, अब सर्वे कार्य पूरा हो चुका है। सर्वे और खुदाई के दौरान सैकड़ों अवशेष मिले। इसमें हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियां, खंभे, भित्ति चित्र तो मिले ही हैं। इसके अलावा, कई जगहों पर इस्लामिक धर्म ग्रंथ कुरान की आयतें लिखे शिलालेख भी मिले हैं।
जैन समाज का दावा
धार भोजशाला किसकी, इसकी जानकारी जुटाने के लिए एएसआई का सर्वे पूरा हो गया है। इधर, सर्वे के दौरान खुदाई में सामने आ रही सामग्री और तथ्यों को देखते हुए अब जैन समाज ने भी इस पर अपना दावा ठोंक दिया है। जैन समाज ने भोजशाला पर अपने अधिकार को लेकर इंदौर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका के माध्यम से भोजशाला में जैन गुरुकुल होने की बात कही गई है।
भोजशाला से संबंधित जैन समाज की याचिका इंदौर हाईकोर्ट में विश्व जैन संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य सलेक चंद जैन ने लगाई। जिसमें दावा किया गया है कि भोजशाला में जैन धर्म से संबंधित अंबिका देवी और सरस्वती देवी की मूर्तियों के होने के साथ वहां जैन गुरुकुल होने के भी प्रमाण मिलते हैं। वर्तमान में यह मूर्तियां और मूर्तियों का जैन धर्म से संबंधित होने का शिलालेख ब्रिटिश म्यूजियम में आज भी सुरक्षित है।
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