उन्होंने बताया, 2017-18 में सभी मंत्रालयों की स्किल योजनाओं के तहत 1 करोड़ युवाओं को ट्रेन किया जा चुका है। जबिक पीएम कौशल विकास योजना में 20 लाख युवाओं की स्किलिंग हुई है। ट्रेनिंग पार्टनर्स की रिपोर्ट के मुताबिक 50 फीसदी को जॉब मिली है।
पीएम कौशल विकास योजना अब कॉलेज व स्कूली संस्थानों के साथ चलाई जाएगी। कॉलेज लेवल पर ही ब्लॉक चैन, रोबोटिक्स, सायरबर सिक्युरिटी जैसे कोर्स पढ़ाएंगे, जिससे रोजगार मिलने से अच्छी संभावना है। कई कॉलेजेस खुद को स्किल विवि में बदलने के लिए सपंर्क में हैं।
पूर्व एंबेसडर नीलम देव ने ग्लोबल वल्र्ड में हो रही उथल-पुथल से भारत पर पडऩे वाले प्रभाव पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि जब विश्व संस्थाएं बनी तो हम यूके के अधीन थे। इकोनॉमी छोटी थी इसलिए कभी हमारे हितों पर ध्यान नहीं दिया गया। लेकिन अब हम ब्रिस्क, शंघाई कॉरपोरेशन सहित कई अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के सदस्य बन गए हैं। अब हम वैश्विक नीतियों पर प्रभाव डाल सकते हैं। अमरीका ट्रेड वॉर का टारगेट चीन है। इसका भारत पर ज्यादा असर नहीं होगा। हमें यूरोपियन प्रोपेगेंडा में नहीं पडऩा चाहिए, बल्कि इन स्थितियों में फायदा उठाने का मौका बनाना होगा। वल्र्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन में सिर्फ भारत के पीडीएस सिस्टम को कोसा जाता है, जबिक अमरीका और यूरोपियन देश भी अपने किसानों को सब्सिडी देते हैं, इस पर कोई बात नहीं करता। इसलिए हमें भी ऐसी संस्थानों में सदस्य बनकर प्रभाव डालना जरूरी है। मैन्युफेक्चरिंग और एक्सपोर्ट क्षमता बढ़ानी होगी, तभी हम नीतियां बदलने में भूमिका निभा सकेंगे। उन्होंने बताया, 2016 में हुई तीन घटनाओं ने दुनिया में नया दौर शुरू कर दिया है। पहला अमरीका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का चुनाव, यूरोप से ब्रिटेन का अलग होना और चीन द्वारा साउथ चाइना सी को लेकर इंटरनेशन ट्रिब्यूनल के दिए फैसले को नकारने से वैश्विक व्यवस्था बदली है।