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इंदौर

स्किल इंडिया प्रोग्राम की प्रोग्रेस जीरो

प्रोजेक्ट में औद्योगिक जरूरतों के हिसाब से स्किल ट्रेनिंग के कोर्स शुरू किए जाने के वादे किए गए थे …

इंदौरApr 07, 2018 / 03:06 pm

अर्जुन रिछारिया

skill india programme progress zero
इंदौर . स्किल इंडिया प्रोग्राम के नाम पर एक बड़ी संस्था के साथ एमओयू करने के बाद भी एआईएमपी की पैतृक संस्था इंडस्ट्रियल फाउंडेशन ने आगे कुछ नहीं किया। प्रोजेक्ट में औद्योगिक जरूरतों के हिसाब से स्किल ट्रेनिंग के कोर्स शुरू किए जाने के वादे किए गए थे। उद्योगपतियों को सपने दिखाए गए थे कि चार महीने में ट्रेंड लेबर मिलने लगेंगे, लेकिन सालभर में प्रोजेक्ट की प्रोग्रेस रिपोर्ट जीरो है।
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत इंडो-अमेरिकन बिजनेस चेंबर ऑफ एसएमई और प्रदेश की प्रमुख औद्योगिक संगठन इंडस्ट्रीज फाउंडेशन के बीच पिछले साल अप्रैल में एमओयू हुआ था। इसके अनुसार एआईएमपी के हॉल में ट्रेनिंग सेंटर खोलने के साथ अन्य स्थानों पर भी सेंटर खोलने की घोषणा की गई थी। इस योजना में 221 कोर्स हैं, लेकिन इंडस्ट्रियल फाउंडेशन ने उद्योगों में काम में आने वाले कोर्स को तुरंत शुरू करने की योजना बनाई थी, ताकि उद्योगों को उनकी जरूरतों के हिसाब से ट्रेंड लेबर मिल सकें।
एमओयू होने के बाद प्लानिंग ही होती रही और पूरा साल निकाल दिया। घोषणा के बाद इंदौर ही नहीं, पीथमपुर के उद्योगों ने भी संपर्क किया और कहा कि वे अपने यहां प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के लिए भी तैयार हैं। इंडस्ट्रियल फाउंडेशन के सुस्त रवैये को देखते हुए उन्होंने संपर्क करना बंद कर दिया।
पलटकर नहीं आए
इंडो-अमेरिकन बिजनेस चेंबर ऑफ एसएमई का रवैया भी घोषणा करने और फोटो खिंचवाने तक का ही रहा। एमओयू करने चेंबर के चेयरमैन डॉ. अजय मिश्रा आए थे। बाद में चेंबर की तरफ से जानने की कोशिश तक नहीं की गई कि आगे क्या हुआ। इंडस्ट्रियल फाउंडेशन चला रही है या नहीं और नहीं चल रहा तो क्या दिक्कतें आ रही हैं।
16 सदस्यों की है संस्था, इसलिए काम नहीं
यह 16 सदस्यों की संस्था है। नए सदस्य जोड़े नहीं जाते, इसलिए पुराने सदस्य ही आपस में पदों को बदला करते हैं। इसकी मुख्य आय एआईएमपी भवन की तल मंजिल से आने वाले किराया है, जो बैंक के पास है। इसके अलावा कुछ एफडी हैं, जिनका ब्याज आता है। पर्याप्त फंड होने के बाद भी ग्राउंड लेवल पर कोई काम नजर आता, सिवाय घोषणाओं के।
अध्यक्ष को जानकारी ही नहीं
इंडस्ट्रियल फाउंडेशन के अध्यक्ष चैन सिंह मोदी को इसकी जानकारी भी नहीं है। वे केवल यही बता पाए कि मामले को विनय कालानी देख रहे हैं। वे इस बारे में इससे ज्यादा और कुछ नहीं जानते। कालानी को ट्रेनिंग सेंटर का चेयरमैन बनाया गया था।
कुछ मामलों में तरक्की हुई है। जगह फाइनल नहीं हो पाई है। अभी तारीख तो तय नहीं हो पाई, ट्रेनिंग देने वालों को भी बुलाया है। अभी थोड़ा समय लगेगा।
– विनय कालानी, चेयरमैन
ट्रेनिंग सेंटर व वाइस चेयरमैन इंडस्ट्रियल फाउंडेशन

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