विशाल ने बताया कि उनके साथ में कोरोना काल में भी ठगी हो गई थी। तब तो बेटे ने गलती से जानकारी आरोपियों को दे दी थी। इस बार न तो कोई ओटीपी शेयर किया और न ही किसी ङ्क्षलक पर क्लिक किया। आरोपियों ने ई-वालेट के जरिए उनका बैंक खाता हैक किया और इसके बाद उससे रुपए निकाल लिए। आरोपियों ने वारदात के लिए रात 12 बजे के बाद का समय चुना ताकि वह कोई कार्रवाई नहीं कर पाए। आरोपियों ने मात्र 20 मिनट में ही सात ट्रांजेक्शन कर खाते से रुपए निकाल लिए।