संस्कृति विभाग ने उसे ले भी लिया लेकिन बाद में पूरा ऑडिटोरियम तैयार करने की मांग करने लगे। 2021 में तत्कालीन आइडीए अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा ने फैसला किया कि संस्कृति विभाग से हॉल लेकर आइडीए पुरा करेंगा। विकास को लेकर बोर्ड से 12 करोड़ का बजट स्वीकृति किया जिसके बाद भी राशि ओर लग गई। 28 करोड़ की लागत में बनकर तैयार हुए जिसे गायिका लता मंगेशकर के नाम किया गया। उसका लोकार्पण प्रधामंत्री मोदी ने गुरुवार को वर्चुअल किया।
अफसरों ने उलझा रखी थी फाइल
ऑडिटोरियम हाल का काम लंबे समय बंद रहा। आंतरिक विकास को लेकर अफसरों का कहना था कि बजट नहीं है। स्कीम में पैसा नहीं होने की वजह से काम नहीं कर सकते है। इस पर तत्कालीन अध्यक्ष चावड़ा ने योजना की जांच की तो चार बड़े प्लॉट निकलाकर सामने आए जिसको बेचने के बाद में ऑडिटोरियम हॉल का निर्माण कराया गया।
1300 दर्शकों की है क्षमता
इंदौर में संस्कृतिक कार्यक्रमों को लेकर जगह का संकट है। बड़े हाल की कमी है जिसमें एक साथ हजार से अधिक दर्शक बैठकर आयोजन का लुफ्त उठा सके। रविंद्र नाट्य गृह के बाद अब लता मंगेशकर ऑटिडोरियम बनकर तैयार हो गया है जिसमें 1300 दर्शकों के बैठने की क्षमता है। 1250 ऑटो फोल्डेबल कुर्सी है तो अतिथियों के लिए पहली पक्ति में 12 सोफे लगे है जिसमें 35 लोग बैठ सकते है। बड़ी बात ये है कि मौके पर पार्किग की भी पर्याप्त व्यवस्था है तो दो करोड़ की लागत का आधुनिक साउंड सिस्टम लगाया गया है।
325 करोड़ के विकास का भूमि पूजन
इंदौर को मुख्य व राऊ विधानसभा का आयोजन लता मंगेशकर ऑडिटोरियम हाल में हुआ। इसके अलावा भी सभी विधानसभाओं के अलग अलग कार्यक्रम थे जिसमें कुल 325 करोड़ के विकास कार्यों का भूमि पूजन किया गया। इसमें 186 करोड़ की लागत से बनने वाला इलेक्ट्रॉनिक कॉम्प्लेक्स परदेशीपुरा में प्रदेश का पहला प्लग एंड प्ले इंडस्ट्रियल कॉम्पलेक्स भी शामिल है। उसमें 200 से अधिक प्रोडक्शन यूनिट खुलेंगी, जिसमें इंदौर के हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा। स्किल ट्रेनिंग और डेवलपमेंट सेंटर भी बनाया जाएगा। इंदौर कपड़ा कारोबार में बड़ा केंद्र बनेंगा।